नयी दिल्ली। दूरसंचार उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 5जी नेटवर्क तीन महीने में लगाया जा सकता है, लेकिन यह सीमित क्षेत्रों में ही होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को समर्थन के लिए ऑप्टिकल फाइबर आधारित ढांचा अभी तैयार नहीं है। नोकिया इंडिया के प्रमुख विपणन एवं कॉरपोरेट मामले अमित मारवाह ने कहा कि भारत को 5जी सेवाओं के नेटवर्क पर निर्णय लेना होगा, अन्यथा वह अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का लाभ लेने से चूक जाएगा।
मारवाह ने कहा, ‘‘यदि हम जल्द 5जी शुरू नहीं करते हैं, तो संभवत: चूक जाएंगे। 5जी ऑपरेटरों के लिए पैसा बनाने को बिक्री चैनल नहीं है। यह देश और दुनिया में नए आर्थिक मूल्य के सृजन के लिए समय की जरूरत है।’’ दूरसंचार निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन संदीप अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि 5जी में स्थानीय स्तर पर विनिर्मित उपकरणों का इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उद्देश्य से इसका नियंत्रण भारत के पास होना चाहिए।
दूरसंचार क्षेत्र कौशल परिषद के अरविंद बाली ने कहा कि देश समूची प्रौद्योगिकी खुद नहीं बना सकता। उसे दूसरों का समर्थन लेने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भारत को आत्मनिर्भर बनाने तथा रोजगार के अवसरों के सृजन की दृष्टि से सही दिशा में एक कदम है।
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