नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2014-15 में 460 लिस्टेड कंपनियों ने सामाजिक कार्यों (सीएसआर) पर 6,337 करोड़ रुपए की राशि खर्च की है। राज्य सभा में दिए गए एक लिखित उत्तर में कंपनी मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अभी तक कुल 460 लिस्टेड कंपनियों ने वित्त वर्ष 2014-15 में 6337.36 करोड़ रुपए सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करने का खुलासा किया है।
इन 460 कंपनियों में 51 कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) की हैं, जिन्होंने कुल 2,386.60 करोड़ रुपए की राशि खर्च की है। नए कंपनी कानून के तहत 100 करोड़ नेट वर्थ वाली प्रत्येक कंपनी को अपने तीन साल के औसत सालाना शुद्ध लाभ के दो फीसदी के बराबर राशि सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य बनाया गया है।
460 कंपनियों में से 266 कंपनियों ने अपने औसत लाभ के 2 फीसदी से कम राशि खर्च की है। अरुण जेटली ने कहा कि सीएसआर पर खर्च करने का नियम लागू करने का यह पहला साल था और अधिकांश कंपनियां अभी तक इसके लिए ठोस पॉलिसी नहीं बना सकी हैं, इसलिए उनके खर्च में कमी रही है। उन्होंने बताया कि पीएसयू ने अपने अनिवार्य सीएसआर फंड (3,359.84 करोड़ रुपए) में से 71 फीसदी का उपयोग किया है, जबकि प्राइवेट सेक्टर कंपनियों ने अपने कुल फंउ का 79 फीसदी उपयोग किया है।
एक अलग उत्तर में उन्होंने कहा कि सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) का खर्च पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान 27.92 करोड़ रुपए रहा है। वित्त वर्ष 2012-13 में 8.83 करोड़, 2013-14 में 9.25 करोड़ और 2014-15 में 9.84 करोड़ रुपए का खर्च रहा है। कंपनी मामलों के मंत्रालय में एसएफआईओ एक जांच विभाग है। अभी तक एसएफआईओ को कुल 349 मामले जांच के लिए दिए गए हैं।
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