नई दिल्ली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक 150 करोड़ रुपये से अधिक की 448 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की लागत में कुल 4.02 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक मूल्य की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की निगरानी करता है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी 1,739 परियोजनाओं में से 448 की लागत में बढ़ोतरी हुई है और 539 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में जनवरी 2021 के बारे में कहा गया है, "1,739 परियोजनाओं के कार्यान्वयन की कुल मूल लागत 22,18,210.29 करोड़ रुपये थी और अब उनकी अनुमानित समापन लागत 26,20,618.44 करोड़ रुपये है, जो लागत में 4,02,408.15 करोड़ रुपये (मूल लागत का 18.14 प्रतिशत) की कुल बढ़ोतरी को दर्शाता है।"
रिपोर्ट के मुताबिक इन परियोजनाओं पर जनवरी 2021 तक कुल 12,29,517.04 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 46.92 प्रतिशत है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की ताजा समयसारिणी के अनुसार गणना की जाए तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या घटकर 401 हो सकती है। इसके अलावा 941 परियोजनाओं के पूरा होने की अवधि के बारे में सूचना नहीं दी गई है।
539 में से 106 प्रोजेक्ट में 1 से 12 महीने की देरी चल रही है, 131 प्रोजेक्ट में 13 से 24 महीने की देरी चल रही है। 187 प्रोजेक्ट में 25 से 60 महीने की देरी चल रही है। वहीं 115 प्रोजेक्ट में 61 महीने से ज्यादा की देरी है। इन योजनाओं में देरी की मुख्य वजह पर्यावरण से जुड़े मुद्दे और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले शामिल हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट मे कहा गया है कि कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन से भी प्रोजेक्ट की समयसीमा में बढ़त दर्ज हुई है। रिपोर्ट में ये भी आशंका जताई गई है कि लागत में बढ़ोतरी के इस अनुमान में और बढ़त संभव है।
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