नई दिल्ली। देश में 43 पनबिजली परियोजनाएं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 11,928 मेगावाट है, निर्माणाधीन हैं। लोक सभा में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। ऊर्जा मंत्री पियूष गोयल ने बताया कि इन 43 परियोजनाओं में से 16 वित्तीय बाधा और अन्य कारणों की वजह से अटकी पड़ी हैं।
इन 16 परियोजनाओं की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 5,163 मेगावा है और इन परियोजनाओं को पूरा करने की लागत का अनुमान 52,306 करोड़ रुपए है, जबकि इनकी वास्तविक लागत 27,027 करोड़ रुपए थी। गोयल ने बताया कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की गणना के मुताबिक इन अटकी पड़ी परियोजनाओं की वजह से सालाना बिजली उत्पादन का नुकसान तकरीबन 15564 मिलियन यूनिट है।
मंत्री ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय द्वारा बिजली परियोजनाओं की निगरानी के लिए गठित एक पैनल स्वतंत्र रूप से पनबिजली परियोजनाओं के कार्य की निगरानी कर रहा है। उन्होंने बताया कि सीईए लगातार साइट विजिट और डेवलेपर्स तथा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत के जरिये निर्माणाधीन बिजली परियोजनाओं के विकास पर नजर रखे हुए है। गोयल ने कहा कि पनबिजली परियोजनाओं की बाधा वाले क्षेत्रों की पहचान कर उनका तुरंत निराकरण करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय में नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।
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