नयी दिल्ली। काम की सुस्त गति या अन्य कई कारणों से देशभर में 345 बुनियादी परियोजनाओं की लागत में कुल 3.28 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। ये सभी परियोजनाएं मूल रूप में 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली हैं।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की अप्रैल 2019 की नवीनतम रपट के अनुसार, ‘‘1,453 परियोजनाओं की कुल मूल लागत 18,32,579.17 करोड़ रुपये थी। अब परियोजना खत्म होने तक इनकी अनुमानित लागत 21,61,313.18 करोड़ रुपये होगी। यह दिखाता है कि इन परियोजनाओं की लागत में 3,28,734.01 करोड़ रुपये का इजाफा हो चुका है। यह मूल लागत से 17.94 प्रतिशत अधिक है।’’
मंत्रालय 150 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है। इन 1,453 परियोजनाओं में से 345 की लागत में इजाफा हुआ है। जबकि 388 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
रपट के अनुसार, अप्रैल 2019 तक इन 345 परियोजनाओं पर 8,84,906.88 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। यह इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 40.94 प्रतिशत है।
हालांकि, रपट में कहा गया है कि नवीनतम कार्यक्रम के हिसाब से देखा जाए, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या घटकर 317 रह जाएगी।
देरी से चल रही कुल 388 परियोजनाओं में से 121 परियोजनाएं एक से 12 महीने, 78 परियोजनाएं 13 से 24 महीने, 98 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 91 परियोजनाएं 61 या उससे अधिक महीने की देरी से चल रही हैं।
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