नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विजय कुमार यादव ने शुक्रवार को कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग राज्यों की ओर से अब कम हो गई है। राज्यों ने हमसे 492 और ट्रेनें मांगी हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे ने 1 मई से देश में अबतक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर 52 लाख प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाया है।
ट्रेनों के लेट होने पर वीके यादव ने कहा कि 20 से 24 मई के दौरान 71 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए मांग इस दौरान बहुत अधिक थी। उन्होंने कहा कि 3800 में से केवल चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में 72 घंटे से अधिक का समय लिया है।
बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 20 मई तक 279 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं और अभी ऐसी 450 ट्रेनों की मांग है। 3,840 में से केवल 4 ट्रेनों ने ही अपने गंतव्य तक पहुंचने में 72 घंटे से अधिक का समय लिया, 90 प्रतिशत ट्रेनें सामान्य मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में ज़्यादा औसत गति के साथ चलाई गईं।
उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि जबतक अत्यंत आवश्यक ना हो रेल यात्रा करने से बचें। अधिकांश प्रवासी उत्तर प्रदेश से हैं, जो कि कुल संख्या का लगभग 42 प्रतिशत है, वहीं बिहार से कुल संख्या का 37 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए विशिष्ट प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। राज्य सरकार शुरुआती स्टेशनों पर भोजन और पानी उपलब्ध करा रहे हैं और IRCTC और रेलवे डिवीजनों ने ट्रेनों में श्रामिकों के लिए मुफ्त भोजन और पानी की व्यवस्था की है। जिन राज्यों से ट्रेनें खुल रही हैं वे प्रवासी श्रमिकों को भोजन दे रहे हैं, रेलवे, एनजीओ यात्रा के दौरान भोजन मुहैया करा रहे हैं।
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