नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास अप्रैल में 269 नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पंजीकरण कराया। इससे निवेशकों के भारत की आर्थिक वृद्धि यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा का संकेत मिलता है। FPI की यह संख्या वित्त वर्ष 2015-16 में करीब 2,900 एफपीआई को सेबी द्वारा दी गई मंजूरी के अलावा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले महीने (अप्रैल) में 269 एफपीआई को सेबी से मंजूरी मिली। इससे ऐसे निवेशकों की कुल संख्या 4,580 हो गई है। वृहद आर्थिक स्थिरता, दीर्घकालीन वृद्धि संभावना तथा मौजूदा आर्थिक एवं सामाजिक सुधारों को देखते हुए एफपीआई भारत को तरजीही और स्थिर बाजार के रूप में देखते हैं। एफपीआई ने अप्रैल में पूंजी बाजार (बॉन्ड और इक्विटी) में 14,834 करोड़ रुपए निवेश किये।
सेबी ने विदेशी निवेशकों के मामले में सुधार करते हुए 2014 में विदेशी निवेशकों की विभिन्न श्रेणियों को शामिल करते हुए एक नई श्रेणी एफपीआई बनाई। एफपीआई को उनके कामकाज के जोखिम क्षेत्र को देखते हुये तीन श्रेणियों में विभक्त किया गया। साथ ही उनके लिए पंजीकरण की दूसरी प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया। नई व्यवस्था के तहत एफपीआई को स्थाई पंजीकरण दिया गया जबकि पहले एक साल अथवा पांच साल के लिए मंजूरी दी जाती थी। सेबी द्वारा पंजीकरण को निलंबित करने अथवा निरस्त करने या फिर एफपीआई द्वारा इसे लौटाने तक यह बनी रहेगी।
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