2016 होगा दुनिया का सबसे गर्म साल, अल-नीनो की वजह से बढ़ रहा है तापमान
अभी साल आधा भी नहीं हुआ है और हम 2016 को सबसे गर्म साल के रूप में सुनने लगे हैं। 2015 में सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड बना था, जो अब इस साल टूटने वाला है।
- UK के मौसम विभाग का दावा, 2016 होगा दुनिया के लिए सबसे गर्म साल
- अल-नीनो चक्रवाती तूफान की वजह से 2016 रहेगा सबसे गर्म साल
- ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाकर की हम बढ़त गर्मी को थाम सकते हैं।
- चक्रवाती तूफान ला-नीना की वजह से 2017 ठंडा साल रह सकता है।
नई दिल्ली। साल 2016 के अभी 5 महीने भी नहीं बीते और यह अनुमान लगाया जाने लगा कि 2016 दुनिया के लिए सबसे गर्म साल रह सकता है। 2015 में भी सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड बना था, जो अब इस साल टूट सकता है। 2015 के खत्म होने से पहले ही यूके के मौसम विभाग के 95 फीसदी आशंका थी कि 2016 में यह रिकॉर्ड टूट जाएगा। जैसे-जैसे तापमान का ग्राफ ऊपर चढ़ रहा है उसके साथ-साथ यह विश्वास भी बढ़ता जा रहा है। अप्रैल 2016 ने सबसे गर्म अप्रैल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जबकि इससे पहले सबसे गर्म फरवरी और मार्च का रिकॉर्ड भी 2016 के नाम हो चुका है। नासा के जलवायु विज्ञानी गैविन शैमिट ने हालही में अनुमान जताया है कि 99 फीसदी आशंका है कि 2016 का साल 2015 की तुलना में ज्यादा गर्म होगा।
अल-नीनो की भूमिका
वैज्ञानिकों द्वारा 2016 को सर्वाधिक गर्म साल बताने के पीछे मुख्य कारण अल-नीनो है, जो पूर्वी प्रशांत महासागर में गर्म समुद्र की सतह के तापमान के साथ जुड़ा हुआ है। 2015-16 में अल-नीनो को मजबूती के साथ रिकॉर्ड किया गया था और इससे वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि हुई थी। अब अल-नीनो कमजोर पड़ रहा है, तो प्रमुख अल-नीनो का दूसरा साल अक्सर बहुत अधिक गर्मी से संबंधित होता है, जो सामान्य स्थिति में पहले साल की तुलना में ज्यादा गर्म होता है।
उदाहरण के लिए 1997-98 में अल-नीनो आया था और तब 1998 को उस समय दुनिया का सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड दिया गया था। इस साल की शुरुआत से हम वैश्विक तापमान में लगातार वृद्धि देख रहे हैं। इसका सीधा मतलब है कि 2015 के रिकॉर्ड तक न पहुंचने के लिए 2016 की दूसरी छमाही में हमें ज्यादा ठंड की जरूरत होगी। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि मजबूत ला-नीना भी इस साल ज्यादा ठंडा तापमान पैदा करने में विफल रह सकता है। 2016 के सबसे ज्यादा गर्म साल बनने के पीछे एक वजह ऊष्णकटिबंधीय इलाकों में ज्वालामुखी विस्फोट भी हैं।
तस्वीरों में देखिए देश में सूखे का हाल
Drought in maharashtra
जलवायु परिवर्तन का क्या?
जलवायु परिवर्तन की भुमिका बहुत छोटी है क्योंकि हम 2016 की तुलना पिछले साल से कर रहे हैं। इस छोटी अवधि में ग्लोबल वार्मिंग में ज्यादा बदलाव नहीं आता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का अनुमान था कि 2015 में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बिना मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के बढ़ा होगा। पिछले एक साल में मानव-जनित तापमान में कोई वृद्धि नहीं हुई है तो ऐसे में यह सूत्र 2016 पर भी लागू होगा। इसलिए यदि अल-नीनो 2016 को रिकॉर्ड गर्म साल बनाता है तो हम कह सकते हैं कि इस साल तापमान बिना जलवायु परिवर्तन के बढ़ना असंभव है।
भविष्य के लिए क्या होगी अच्छी शुरुआत?
हम अनुमान लगा रहे हैं कि 2016 वैश्विक औसत तापमान का 2015 का रिकॉर्ड तोड़ देगा, क्योंकि अल-नीनो की वजह से सतह का तापमान बढ़ रहा है। इस साल हम पहले ही असामान्य रूप से गर्म तापमान के साथ जुड़ी विनाशकारी घटनाएं देख चुके हैं। भविष्य में, हम और अधिक गर्म सालों की उम्मीद कर सकते हैं, जिसका असर पूरी दुनिया में समाज और पर्यावरण दोनों पर पड़ेगा। संभावित ला-नीना की वजह से 2017 ठंडा साल रह सकता है, क्योंकि ऐसा अनुभव रहा है कि रिकॉर्ड गर्म साल के बाद आने वाला साल ठंडा होता है। भविष्य में हम बढ़ते तापमान से तभी बच सकते हैं जब ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगातार कमी लाने का प्रयास करें।