LIC के IPO का प्रबंधन करने के लिए 16 मर्चेंट बैंकर दौड़ में शामिल, सरकार ने रखा है 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष में अबतक सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में मामूली हिस्सेदारी बिक्री और एक्सिस बैंक में एसयूययूटीआई हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये 8,368 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।
नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का प्रबंधन करने की दौड़ में 16 मर्चेंट बैंकर शामिल हैं। इसे देश के इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बिक्री कहा जा रहा है। ये बैंकर 24 और 25 अगस्त को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के समक्ष अपना प्रस्तुतीकरण देंगे। दीपम के सर्कुलर के अनुसार, बीएनपी परिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और डीएसपी मेरिल लिंच (अब बोफा सिक्योरिटीज) सहित सात अंतरराष्ट्रीय बैंकर मंगलवार को प्रस्तुतीकरण देंगे। मंगलवार को जो अन्य बैंकर प्रस्तुतीकरण देंगे उनमें गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया), जेपी मॉर्गन इंडिया, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) शामिल हैं।
बुधवार को नौ घरेलू बैंकर दीपम के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुतीकरण देंगे। इनमें एक्सिस कैपिटल लि., डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स, एचडीएफसी बैंक लि., आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लि., आईआईएफएल सिक्योरिटीज लि., जेएम फाइनेंशियल लि., कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लि., एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लि.और यस सिक्योरिटीज इंडिया लि.शामिल हैं। दीपम ने 15 जुलाई को एलआईसी के आईपीओ के लिए मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। दीपम आईपीओ के लिए 10 बुक रनिंग लीड प्रबंधकों की नियुक्ति की तैयारी कर रहा है। बोली जमा कराने की अंतिम तिथि पांच अगस्त थी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पिछले महीने भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को अपनी मंजूरी प्रदान की थी। रणनीतिक विनिवेश पर वैकल्पिक तंत्र के रूप में जानी जाने वाली मंत्री परिषद अब एलआईसी में सरकार की कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
सरकार ने आईपीओ से पहले एलआईसी के मूल्याकंन के लिए एक्चुरियल कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को नियुक्त किया है। डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को प्री-आईपीओ ट्रांजैक्शन एडवाइजर्स के रूप में नियुक्त किया गया है। एलआईसी को लिस्ट कराना सरकार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसकी मदद से सरकार वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपने महत्वाकांक्षी 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा कर पाएगी। चालू वित्त वर्ष में अबतक सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों में मामूली हिस्सेदारी बिक्री और एक्सिस बैंक में एसयूययूटीआई हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये 8,368 करोड़ रुपये की राशि जुटा चुकी है।
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