नई दिल्ली। LPG, केरोसिन, आभूषण और मुद्रा उन वस्तुओं में शामिल हैं जिन्हें वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत परिवहन में इलेक्ट्रॉनिक परमिट लेने से छूट होगी। देश में GST व्यवस्था एक जुलाई से लागू हो गई है। GST व्यवस्था में 50,000 रुपए मूल्य से अधिक के माल को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जाने पर ई-वे बिल लेने का प्रावधान किया गया है ताकि कर चोरी पर नजर रखी जा सके।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि GST काउंसिल की 5 अगस्त को हुई पिछली बैठक में आम जरूरत की 153 वस्तुओं को ई-वे बिल लेने की आवश्यकता से छूट दे दी गई है। इनमें फल और सब्जियों से लेकर, ताजा दूध, शहद, बीज, अनाज और आटा, मछली आदि शामिल हैं। GST के तहत ई-वे बिल लेने की बाध्यता से पान के पत्ते, कच्चा रेशम, बिना एल्कोहल वाली ताड़ी, खादी, दिया, पूजा सामग्री और सुनने की मशीन आदि भी शामिल हैं। मानव बाल, कंडोम और गर्भ-निरोधक को भी ई-वे बिल से छूट दी गई है।
यह भी पढ़ें : सरकार ने RIL पर लगाया 1,700 करोड़ रुपए का जुर्माना, लक्ष्य से कम उत्पादन मामले में हुई कार्रवाई
अधिकारी ने बताया कि घरेलू उपयोग के लिये LPG की आपूर्ति, राशन की दुकानों से केरोसिन की बिक्री को परिवहन के लिए ई-वे बिल परमिट लेने से छूट होगी। डाक सामान, मुद्रा, आभूषण को भी ई-वे बिल से छूट दी गई है। बिना मोटर वाले वाहन से माले भेजे जाने पर भी ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह से देश के भीतरी हिस्से में स्थित बंदरगाह पर सीमा शुल्क से मंजूरी के लिए माल को भेजे जाने पर भी ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी।
यह भी पढ़ें : शुरू हुई नोकिया 5 स्मार्टफोन की बिक्री, 10 बड़े शहरों के ऑफलाइन स्टोर पर हुआ उपलब्ध
GST व्यवस्था में 50,000 रुपए मूल्य से अधिक का माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाने की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक परमिट लेना होगा। इससे कम मूल्य का सामान होने पर यह वैकल्पिक होगा। यह प्रावधान सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी करने के दिन से लागू हो जाएगा। नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा इस व्यवस्था के लिए सॉफ्टवेयर तैयार उसे चालू कर दिए जाने के बाद संभवत अक्टूबर से यह व्यवस्था लागू होगी।
Latest Business News