नई दिल्ली। लंबे समय से निष्क्रिय लगभग 13,000 कंपनियां सरकार की नजर में आई हैं। सरकार की मुखौटा कंपनियों के जरिये अवैध कारोबार पर लगाम लगाने की अपनी कोशिशों के तहत इन कंपनियों पर निगाह गई है। ये कंपनियां लंबे समय से किसी कारोबारी गतिविधि में संलग्न नहीं हैं।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने 25 और 26 अप्रैल को इनमें से अधिकांश कंपनियां को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं और उनसे पूछा है कि चूंकि वे अपनी कारोबारी गतिविधियों के बारे में नियामकीय सूचना नहीं दे रही हैं तो उनका पंजीकरण ही रद्द क्यों न कर दिया जाए।
जानकार सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद व जयपुर स्थित विभिन्न शहरों की अनेक पंजीबद्ध कंपनियों को 25-26 अप्रैल को नोटिस जारी किए गए। इससे पहले देश भर की 2.5 लाख से अधिक फर्मों को भी इसी तरह की चेतावनी जारी की गई है। उक्त नोटिस कंपनी कानून की धारा 248 के तहत जारी किए गए हैं। इसके तहत विभिन्न आधार पर किसी कंपनी का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के यहां उपलब्ध नवीनतम जानकारी के अनुसार अहमदाबाद कंपनी पंजीयक द्वारा 25 अप्रैल को 6,356 कंपनियों को नोटिस जारी किए गए। इसी तरह कंपनी पंजीयक जयपुर व कंपनी पंजीयक जम्मू ने क्रमश: 5,831 व 8,12 कंपनियों को नोटिस जारी किए। देश में इस समय 16 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं और इनमें से केवल 11 लाख ही सक्रिय हैं।
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