सड़क पर चलें संभलकर, भारत में 23 करोड़ में 57% वाहनों के पास नहीं है अनिवार्य थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर
31 मार्च, 2019 तक भारतीय सड़कों पर 23 करोड़ वाहन सड़कों पर परिचालन में थे। इनमें से 57 प्रतिशत वाहनों के पास अनिवार्य थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर नहीं था
नई दिल्ली। राज्यों में ट्रैफिक पुलिस के कमजोर नियंत्रण, इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा फॉलो-अप के अभाव और थर्ड-पार्टी कवर की बढ़ती लागत के परिणामस्वरूप बहुत बड़ी संख्या में वाहन मालिक अनिवार्य होने के बावजूद वाहन बीमा कवर नहीं खरीद रहे हैं। इंश्योरेंस इंफोर्मेशन ब्यूरो द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सड़कों पर अन-इंश्योर्ड वाहनों का अनुपात वित्त वर्ष 2018 के 54 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2019 में 57 प्रतिशत हो गया है, जो 3 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
31 मार्च, 2019 तक भारतीय सड़कों पर 23 करोड़ वाहन सड़कों पर परिचालन में थे। इनमें से 57 प्रतिशत वाहनों के पास अनिवार्य थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर नहीं था। इसका मतलब है कि लगभग 13.2 करोड़ वाहन बिना बीमा के ही सड़कों पर चल रहे हैं। इन वाहनों के साथ दुर्घटना होने पर पीडि़त को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलेगा, क्योंकि इन वाहनों की जिम्मेदारी किसी भी बीमा कंपनी के पास नहीं है। इन वाहन मालिकों की स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं होती कि वह मुआवजे का पूरा भुगतान कर पाएं।
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रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग 21.1 करोड़ वाहन सड़कों पर थे और इनमें से 54 प्रतिशत या 11.4 करोड़ वाहन बिना बीमा कवर के चल रहे थे। एक साल में बिना बीमा वाले वाहनों की संख्या 2 करोड़ बढ़ गई।
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प्रीमियम मिला 64,522 करोड़ और दावों के भुगतान में खर्च हुए 35,519 करोड़
इंश्योरेंस इंफोर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम के रूप में 64,522.35 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया और उन्होंने इस दौरान मोटर इंश्योरेंस दावों के तहत केवल 35,519 करोड़ रुपये का भुगतान किया। ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मोटर दावों के 35,519 करोड़ रुपये में से 18,262 करोड़ रुपये वाहन क्षतिग्रस्त के तौर पर दिए गए और 14,257 करोड़ रुपये का भुगतान थर्ड-पार्टी उत्तरदायित्व के तौर पर किया गया।
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कुल पॉलिसी और दावों में सबसे ज्यादा योगदान लगभग 50 प्रतिशत छह राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और दिल्ली का है। 15 राज्यों में 60 प्रतिशत से अधिक वाहन अन-इंश्योर्ड हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान मृत्यु दावों के लिए औसत सेटलमेंट राशि 901,207 रुपये रही। चोट दावों के लिए औसत राशि 251,094 रुपये रही। मृत्यु दावों के लिए उच्चतम औसत केरल में 12,13,671 रुपये और निम्नतम बिहार में 614,306 रुपये रहा।
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2018-19 में कुल 3.25 लाख थर्ड पार्टी दावें पेश किए गए और इनमें से लगभग 3.05 लाख थर्ड पार्टी दावों का पूरी तरह से निपटान किया गया। 2018-19 में रिपोर्ट हुए दावों की कुल राशि 14,257 करोड़ रुपये थी।