ई-वे बिल प्लेटफार्म में दस राज्य शामिल, जीएसटीएन ने शुरू किया परीक्षण
सरकार की केंद्रीकृत ई-वे बिल प्रणाली में गुजरात, हरियाणा और बिहार सहित कम से कम छह और राज्य आज शामिल हो गए।
नई दिल्ली। सरकार की केंद्रीकृत ई-वे बिल प्रणाली में गुजरात, हरियाणा और बिहार सहित कम से कम छह और राज्य आज शामिल हो गए। इस तरह ई-वे बिल प्लेटफार्म से जुड़ने वाले राज्यों की संख्या 10 हो गई है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में वस्तुओं के अंतर राज्य सड़क परिवहन के लिए यह प्रणाली लागू की जा रही है। जीएसटी व्यवस्था में 50,000 रुपये और उसके अधिक मूल्य के सामान का दस किलोमीटर से अधिक अंतरराज्यीय परिवहन होने पर एक फरवरी से ई-वे बिल अनिवार्य होगा।
देश के चार राज्यों जैसे कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल ने पहले से ई-वे बिल का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। आज छह और राज्य हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, सिक्किम और झारखंड जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा शुरू किए गए परीक्षण में शामिल हो गए। जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा, ‘‘हमारी इस पहल में और राज्य जल्द शामिल होंगे और अगले महीने से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। ट्रांसपोर्टरों तथा करदाताओं को इस प्रणाली को अपनाने के बाद किसी कर कार्यालय या चुंगी पर जाने की जरूरत नहीं होगी। वह ई-वे बिल के जरिये सीधे आगे बढ़ सकेंगे। ये बिल इलेक्ट्रानिक तरीके से निकाले जा सकेंगे।
ई-वे बिल निकालने के लिए ट्रांसपोर्टर ewaybill.nic.in पोर्टल पर जाकर जीएसटीआईएन देकर अपना पंजीकरण करा सकेंगे। ऐसे ट्रांसपोर्टर जो जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं अपना पैन या आधार नंबर देकर खुद को ई-वे बिल प्रणाली में शामिल कर सकेंगे और ई-वे बिल निकाल सकेंगे। ई-वे बिल को उसे निकालने के 24 घंटे के भीतर रद्द करने का भी प्रावधान है।