दिवाली से पहले सस्ता हो जाएगा आलू-प्याज, सरकार ने किया आयात के जरिये इंतजाम
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार प्याज, आलू की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि निजी व्यापारी पहले ही 7,000 टन प्याज का आयात कर चुके हैं जबकि 25,000 टन दिवाली से पहले आने की उम्मीद है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब देश के कुछ भागों में प्याज के दाम 80 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गए है। वहीं आलू की कीमत भी गुणवत्ता के आधार पर 60 रुपये किलो से ऊपर निकल गई है। मंत्री ने कहा कि सहकारी एजेंसी नाफेड भी आयात करेगी। इससे बाजार में प्याज की पर्याप्त आपूर्ति होगी। गोयल ने कहा कि केवल प्याज ही नहीं बल्कि करीब 10 लाख टन आलू का भी आयात किया जा रहा है। इसके लिए जनवरी 2021 तक सीमा शुल्क कम कर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। करीब 30,000 टन आलू भूटान से अगले कुछ दिनों में आ जाएगा।
गोयल ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्याज, आलू और कुछ दाल के खुदरा दाम बढ़े हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर पाबंदी समेत सरकार के सक्रियता से उठाए गए कदमों के कारण पिछले कुछ दिनों से कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर प्याज का खुदरा मूल्य पिछले तीन दिनों से 65 रुपए किलो और आलू 43 रुपए किलो पर स्थिर बना हुआ है। गोयल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं लोगों को त्योहारों के दौरान ये चीजें सस्ती दरों पर मिलें।
सरकार ने प्याज के आयात के लिए कदम उठया है और दिसंबर तक प्याज के आयात पर धूम्र-शोधन (फ्यूमिगेशन) की शर्तों में ढील दी है। उन्होंने कहा कि अबतक 7,000 टन प्याज निजी व्यापारियों ने आयात की है, इसके अलावा 25,000 टन प्याज दिवाली से पहले आने की उम्मीद है। गोयल ने कहा कि निजी व्यापारी प्याज मिस्र, अफगानिस्तान और तुर्की जैसे देशों से मंगा रहे हैं। सहकारी एजेंसी नाफेड भी आयात करेगी। उन्होंने कहा कि आयात के अलावा मंडियों में अगले महीने नई खरीफ फसल की आवक शुरू होने से आपूर्ति स्थिति सुधरेगी और कीमतों पर दबाव कम होगा।
प्याज की खरीफ फसल अगले महीने मंडियों में आने की संभावना है। सरकार ने खरीफ और खरीफ मौसम में देरी से आने वाले प्याज का उत्पादन चालू वर्ष मे 6 लाख टन कम होकर 37 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि अन्य उपायों में सरकार ने प्याज के बीजों के निर्यात पर पाबंदी लगाई है और जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों पर भंडारण सीमा लगाई गई है। इसके अलावा नाफेड करीब एक लाख टन बफर स्टॉक में से खुले बाजार में प्याज की बिक्री कर रही है। अबतक उसने 36,488 टन प्याज बेची है।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले। करीब 30,000 टन आलू अगले दो-तीन दिनों में भूटान से आ रहा है। दाल के बारे में गोयल ने कहा कि ज्यादातर दलहन के दाम अभी स्थिर हैं। वास्तव में पिछले चार साल के मुकाबले दाल के दाम काफी नीचे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने 4 लाख टन तुअर दाल के आयात को लेकर समय-सीमा दिसंबर तक बढ़ा दी है।
मंत्री ने कहा कि 1. 5 लाख टन उड़द दाल के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं और मसूर पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क दिसंबर अंत तक जारी रहेगा। सरकार ने 2 लाख टन तुअर दाल के आयात के लिए मोजाम्बिक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने का भी निर्णय किया है। साथ ही 2.5 लाख टन उड़द दाल के आयात के लिए म्यांमा से पांच साल के लिए एमओयू किया है।