हालांकि उद्योग संगठन एसोसिएशन आॅफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एएमएफआई) इस मामले को पहले ही वित्त मंत्रालय के समक्ष रख चुका है। उसे उम्मीद है कि सरकार उसकी मांग पर ध्यान देगी और योजना को ठंडे बस्ते में डाल देगी। कर विभाग द्वारा हाल ही में आयकर कानून 2017 की धारा 115बीबीडीए में संशोधन को अधिसूचित किये जाने के बाद यह आशंका सामने आयी है। इस संशोधन के अनुसार अगर करदाता की आय 10 लाख रुपये से अधिक है तो शेयर में म्यूचुअल फंड के जरिये निवेश पर प्राप्त डिविडेंड के ऊपर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। यहभी पढ़ें: एक साल में बैंकिंग म्यूचुअल फंड्स में मिले 60% के बड़े रिटर्न, आपके पास भी है मौका
इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड उद्योग करीब 7,000 अरब रुपए का है और कंपनियां औसतन 1.4 प्रतिशत डिविडेंड भुगतान करती हैं जो 7,400 करोड़ रुपए बनता है। इस पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। उद्योग विशेषग्यों के अनुसार अगर योजना लागू होती है तो अगले साल अप्रैल से करीब 740 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर बोझा पड़ेगा। फिलहाल म्यूचुअल फंड को आयकर कानून की धारा 1203डी के तहत म्यूचुअल फंड में निवेश पर कर से छूट है।
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