उज्जैन| मध्य प्रदेश की धर्म नगरी उज्जैन में अप्रैल-मई के बीच 30 दिनों तक चले सिंहस्थ कुंभ के दौरान डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्घालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। इन श्रद्घालुओं द्वारा दिए गए दान और प्रसाद सामग्री खरीदी से महाकाल के खजाने में 10 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
इस शताब्दी का दूसरा सिंहस्थ कुंभ 22 अप्रैल से 21 मई तक उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर आयोजित किया गया। राज्य सरकार का दावा है कि इस बार के सिंहस्थ में आठ करोड़ से ज्यादा श्रद्घालुओं ने उज्जैन पहुंचकर क्षिप्रा नदी में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। महाकाल मंदिर में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्घालुओं ने दर्शन किए।
महाकाल प्रबंध समिति के अनुसार, सिंहस्थ कुंभ की अवधि में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्घालु पहुंचे। यहां आने वाले श्रद्घालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके पर्याप्त इंतजाम किए गए थे। समिति की सहायक प्रशासक प्रीति चौहान के मुताबिक, “मंदिर में आए श्रद्घालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे, प्रसाद खरीदी और विशेष दर्शन के तहत रसीदें कटाने से लगभग 10 करोड़ रुपए की आय हुई है।” मंदिर के पुजारी दिनेश ने कहा, “महाकाल से प्रार्थना की गई थी कि सिंहस्थ कुंभ बगैर किसी व्यवधान के संपन्न हो जाए। महाकाल ने इसे सुना यही कारण रहा कि यह धार्मिक आयोजन बगैर किसी बाधा व परेशानी के सम्पन्न हो गया।”
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