Union Budget 2018: आम बजट से जुड़ी ये बातें नहीं जानते होंगे आप
देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे। यह बजट जीएसटी लागू होने के बाद पहला बजट होगा। ऐसे में यहां पर पुराने बजट के मुकाबले कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन बजट से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी हैं ज
India TV Paisa Desk Jan 31, 2018, 20:36:59 IST
नई दिल्ली। देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे। यह बजट जीएसटी लागू होने के बाद पहला बजट होगा। ऐसे में यहां पर पुराने बजट के मुकाबले कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन बजट से जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें हम अक्सर नहीं जानते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में और इंडिया टीवी पैसा की टीम यह भी बताने जा रही है कि इस बार का आम बजट कब, कहां और किसके द्वारा पेश किया जाएगा, और आप कैसे इसे लाइव देख सकते हैं।
क्या है बजट
आम बजट भारत के लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है। देश की जनता द्वारा चुनी गई सरकार हर साल देश के आय और व्यय का पूरा ब्यौरा देने के साथ ही नए वित्त वर्ष विकास की रूपरेखा पेश करती है। बजट देश के संविधान का एक अहम हिस्सा है। पढ़ें- बजट किसे कहते है बजट की परिभाषा
कब पेश होता है बजट
2016 तक देश में बजट फरवरी माह के आखिरी कार्यदिवस पर संसद में वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ते हुए 2017 में पहली बार 1 फरवरी को बजट पेश किया। 2018 में भी आम बजट 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किया जाएगा।
आप बजट 2018 को कहां देख सकते हैं लाइव
आप बजट 2018 का लाइव टेलीकास्ट इंडिया टीवी और indiatvpaisa.com पर देख सकते हैं। गुरुवार को सुबह 11 बजे से इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल (https://www.youtube.com/watch?v=an1_CXsBkKk) पर भी वित्त मंत्री का बजट भाषण आप सुन सकते हैं। इसके साथ ही आप दूरदर्शन के यूट्यूब लाइव चैनल (https://www.youtube.com/watch?v=an1_CXsBkKk) पर भी सीधा प्रसारण देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: बजट में आयकर से जुड़ी इस बड़ी घोषणा की है संभावना
कब और कहां पेश होगा बजट 2018
लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी यानि गुरुवार को सुबह 11 बजे अपना बजट भाषण शुरू करेंगे। 2017 में भी अरुण जेटली ने एक फरवरी को ही बजट पेश किया था, यह मोदी सरकार का चौथा बजट था। पढ़ें- भारतीय बजट
किस समय शुरू होगा बजट भाषण
ऐसी संभावना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट 2018 को पिछले साल के समान समय पर ही पेश करेंगे। पिछले साल एक फरवरी को जेटली ने सही 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया था। उस दिन बसंत पंचमी का दिन था।
रेल बजट 2018 कब आएगा
पिछले साल मोदी सरकार ने रेल बजट और आम बजट का आपस में विलय कर एक इतिहास रचा था। दोनों बजट पहली बार एक ही दिन एक साथ पेश किए गए थे। इससे पहले तक रेल बजट और आम बजट के बीच एक दिन का फासला रहता था। रेल बजट रेल मंत्री द्वारा और आम बजट वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किया जाता था। इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को ही आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश करेंगे।
इस साल के आम बजट में इन 10 चीजों पर रखें विशेष नजर
• राजकोषीय घाटा
• कृषि क्षेत्र
• इंफ्रास्ट्रक्चर
• कॉरपोरेट टैक्स
• इनकम टैक्स कानून में संशोधन
• आयकर दाताओं के लिए इनकम टैक्स छूट सीमा और दर
• वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की दोबारा घोषणा
• लाभांश वितरण पर टैक्स
• दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर टैक्स
• रोजगार निर्माण
कब तक चलेगा बजट सत्र
वर्ष 2018 के बजट सत्र की शुरुआत 29 जनवरी से हो चुकी है और यह 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र दो चरणों में पूरा होगा। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किया जाएगा। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा। बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च को शुरू होगा और यह 6 अप्रैल को समाप्त होगा।
ये है अरुण जेटली की बजट टीम, जानिए कौन बना रहा है आपके लिए आम बजट
बजट बनाने में ये लोग हैं शामिल
बजट का नाम सुनते ही जहन में वित्त मंत्री का नाम आता है लेकिन वास्तव में बजट बनाने के लिए वित्त मंत्रालय सहित देश के अन्य विभागों के हजारों कर्मचारी और अधिकारी अहम भूमिका निभाते हैं। आम बजट के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्ष्यता वाली एक कोर टीम होती है, जो हर सूक्ष्म बिंदु पर सलाह देती है। बजट का अर्थ भारत में बजट प्रक्रिया
हंसमुख अधिया वित्त सचिव और सचिव, राजस्व विभाग: 1981 के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी वित्त मंत्रालय के सबसे अनुभवी अधिकारी हैं। अधिया इस साल बजट टीम की अगुवाई कर रहे हैं।
अरविंद सुब्रह्मण्यन , मुख्य आर्थिक सलाहकार : बजट से जुड़े मुख्य आर्थिक पहलुओं पर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन की नज़र है। पिछली बार के बजट में गरीबी हटाने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम का सुझाव सुब्रह्मण्यन ने ही दिया था।
सुभाषचंद्र गर्ग, सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग: विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके गर्ग फिलहाल आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव हैं। विकास, निजी निवेश, रोजगार के मौके पैदा करने में इन्हें महारथ हासिल है।
अजय नारायण झा, सचिव, व्यय विभाग: झा वित्त मंत्रालय के सबसे महत्वपूर्ण विभाग यानि कि व्यय विभाग के सचिव हैं। वे 1982 बैच के मणिपुर कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे इससे पहले वित्त आयोग के सचिव भी रह चुके हैं।
नीरज कुमार गुप्ता, सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रंबंधन विभाग: गुप्ता 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। आगामी साल में बड़े खर्चों के लिए वित्त का इंतजाम करना इन्हीं की जिम्मेदारी है।
राजीव कुमार, सचिव, वित्त सेवा विभाग: कुमार 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इन पर बैंकों के साथ बीमा और पेंशन की स्थिति सुधारने का भी जिम्मा होगा। लघु और मध्यम वर्ग के कारोबार को ऋण दिलाने पर भी जोर होगा।
पहले शाम को पांच बजे पेश होता था बजट
वर्ष 2000 तक देश में आम बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था। इस परंपरा को 2001 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने खत्म किया था। शाम को बजट पेश करने के पीछे भी एक इतिहास और एक तात्कालीन जरूरत जुड़ी हुई थी। इस परंपरा के पन्ने भारतीय स्वतंत्रता से करीब 20 साल पुराने हैं। बात 1927 की है, उस समय अंग्रेज अधिकारी भी भारतीय संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेते थे।
दरअसल जब भारत में शाम के 5 बजते थे तो उस समय लंदन में सुबह के 11.30 बज रहे होते थे। लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस में बैठे सांसद भारत का बजट भाषण सुनते थे। आजादी के बाद भी यह नियम जारी रहा। वहीं लंदन स्टॉक एक्सचेंज भी उसी समय खुलता था ऐसे में भारत में कारोबार करने वाली कंपनियों के हित इस बजट से तय होते थे।