नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार एक बहुप्रतीक्षित व बदलाव लाने वाला बजट पेश करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020-21 के लिए केंद्रीय बजट पर इंडियन इंक, अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं। प्रधानमंत्री बजट के मद्देनजर व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक योजना की समीक्षा कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वह आलोचना और सुझाव दोनों के लिए तैयार हैं और उम्मीद है कि सरकार एक बदलाव लाने वाला बजट पेश करने के लिए उत्सुक है।
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार आज पेश होने वाले बजट में कई साहसिक पहल करने के लिए तैयार है। इस संबंध में मोदी ने क्षेत्रीय विशेषज्ञों के साथ 12 से अधिक बैठकें की हैं और उन्होंने इन मुलाकातों के लिए काफी समय भी निकाला है।
नीति आयोग में शुक्रवार को आयोजित की गई इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे। पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर विचार-मंथन कर रहे हैं।
उन्होंने उद्योगपतियों और विशेषज्ञों के समूहों के साथ अब तक 12 बैठकें की हैं। बजट-पूर्व का यह अभ्यास शायद सबसे व्यापक परामर्श है, जो मोदी ने पिछले पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था पर आयोजित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में एक से अधिक अवसरों पर मंत्रिपरिषद के भीतर विचार-विमर्श किया है और प्रत्येक मंत्रालय को पांच साल की रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक योजना की समीक्षा कर रहे हैं।
शुक्रवार को नीति आयोग में आयोजित विशेषज्ञों के साथ एक बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि दो घंटे की खुली चर्चा में संबंधित क्षेत्रों में काम करने के अनुभव को सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि इससे नीति निर्माताओं और विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच ट्रिलियन (5 खरब) डॉलर की अर्थव्यवस्था का विचार अचानक पैदा नहीं हुआ है और यह देश की ताकत की गहरी समझ पर आधारित है।
उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था व इसके बुनियादी ढांचे की ताकत को मजबूत आंकने के साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर से बढ़ने की उम्मीद भी जताई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा, कृषि आधारित उद्योग जैसे क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और रोजगार सृजन की बड़ी क्षमता है।
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