Budget 2020: Income tax rates और slabs में हुआ बड़ा बदलाव, 15 लाख की आय पर देना होगा 1.95 लाख टैक्स
नई दरें उन्हीं लोगों के लिए हैं जो इनकम टैक्स कानून के तहत प्रदत सभी छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे।
नई दिल्ली। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स रेट में कटौती और स्लैब में बदलाव करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रैल, 2020 से देश में नई कर व्यवस्था लागू होगी। इस नई व्यवस्था से एक साल में 15 लाख रुपए तक की आय वालों को फायदा होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था में कोई टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा। नई कर व्यवस्था या पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर देने के विकल्प को करदाता अपनी मर्जी से चुन सकेगा। व्यक्गितगत आयकर दाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत धारा 80 सी, 80डी, एलटीसी, एचआए सहित अन्य सभी कर छूटों का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
वित्त मंत्री ने सालाना 5 लाख रुपए से लेकर 7.5 लाख रुपए तक की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। पहले 20 प्रतिशत की दर से टैक्स देय था। सालाना 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की आय पर नई कर व्यवस्था के तहत 15 प्रतिशत टैक्स देय होगा।
10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पहले इतनी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था। 12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए तक सालाना आय वालों को अब 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 15 लाख रुपए से अधिक सालाना आय वालों को मौजूदा 30 प्रतिशत की दर से ही टैक्स देना होगा।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जो एक साल में 15 लाख रुपए कमाता है और वह कोई भी कर छूट नहीं लेना चाहता है तो उसे केवल 1.95 लाख रुपए का टैक्स देना होगा, जो पहले 2.73 लाख रुपए था। इस तरह उसे एक साल में 78 हजार रुपए का फायदा होगा।
उन्होंने नए टैक्स रेट और स्लैब को आसान कर व्यवस्था बताते हुए कहा कि नई दरें उन्हीं लोगों के लिए हैं जो इनकम टैक्स कानून के तहत प्रदत सभी छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे।
वर्तमान में, 2.5 लाख रुपए तक की आय करमुक्त है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स की दर है। कटौती और छूट के साथ इस स्लैब में कर की दर शून्य हो जाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स दरों में कमी करने से सरकार को राजस्व में सालाना 40,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।