नई दिल्ली। आर्थिक सर्वे 2017-18 में एक बड़ी दिलचस्प बात सामने आई है। 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात ऐसे राज्य रहे हैं जहां GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या सबसे अधिक रही है। पुरानी टैक्स प्रणाली की तुलना में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, दो राज्य ऐसे रहे हैं जहां GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाले सबसे अधिक रहे। GST आंकड़ों के प्राथमिक विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि अप्रत्यक्ष कर देने वालों की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इसके अलावा ऐच्छिक तौर पर GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या भी काफी बढ़ी है। खास तौर से छोटे उद्योगों ने बड़े उद्योगों से की जाने वाली खरीदारी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के फायदे के लिए GST रजिस्ट्रेशन करवाया है। संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वे में दिसंबर 2017 तक 98 लाख नई इकाइयों ने GST के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है जो पुरानी प्रणाली के तहत कुल अप्रत्यक्ष कर के लिए पंजीकृत इकाइयों की संख्या से अधिक है।
वित्त मंत्री ने संसद को सूचित किया कि GST के कारण नए अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे करदाताओं की संख्या 34 लाख रही है।
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