नई दिल्ली। सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसके लिए उसने बीज से लेकर बाजार तक अनेक तरह की पहल की हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में सोमवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2017-18 के अनुसार, सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से संस्थानात्मक स्रोतों से ऋण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, लागत प्रबंध, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, पीएमएफबीवाई व ई-नाम जैसे अनेक कदम उठाए हैं। इसके अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 में किसानों के लिए 20,339 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
समीक्षा के अनुसार कृषि क्षेत्र में उच्च उत्पादकता और समग्र उत्पादन प्राप्त करने के लिए ऋण एक महत्वपूर्ण पहलू है। लघु अवधि फसल ऋण पर किसानों को प्रदान की जाने वाली ब्याज सहायता से उत्पन्न होने वाली विभिन्न देयताओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2017-18 में 20,339 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।
इसके अनुसार फसल कटाई के बाद भंडारण संबंधी ऋण देश में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आगत अपेक्षा को पूरा करता है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि यह संस्थागत ऋण किसानों को अन्य माध्यमों से ब्याज की ऊंची दरों पर उधार लेने की मजबूर से बचाएगा।
इलेक्ट्रानिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया है कि सरकार ने अप्रैल 2016 से इसकी शुरुआत की गई और इसका उद्देश्य इलेक्ट्रोनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से एपीएमसी को एक मंच पर लाना व किसानों को ऑनलाइन व्यापार के लिए प्रोत्साहित करना है।
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