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Hindi News पैसा बजट 2022 बजट में पेश हो सकती है सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निजीकरण की नीति

बजट में पेश हो सकती है सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निजीकरण की नीति

चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीपीएसई की अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 17,957 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पूरे वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है।

<p>बजट में PSE निजीकरण की...- India TV Paisa Image Source : PTI बजट में PSE निजीकरण की पॉलिसी संभव

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में नयी निजीकरण नीति की रूपरेखा पेश कर सकती हैं। इसके तहत सरकार गैर-रणनीति क्षेत्र से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से बाहर निकलेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार संभवत: उन रणनीतिक क्षेत्रों के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की पहचान करेगी, जिनमें उसे बने रहना है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) नीति को मंजूरी दी है। यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित करेगी।

राष्ट्रीय हित और लोक हित से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम रणनीति क्षेत्र के तहत आएंगे। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत सरकार ने मई में घोषणा की थी कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रहेंगी। इनमें अन्य सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों का अंतत: निजीकरण किया जाएगा। नीति के तहत रणनीतिक क्षेत्रों की सूची को अधिसूचित किया जाएगा। इनमें कम से एक और अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां होंगी। अन्य क्षेत्रों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) का निजीकरण उनकी व्यवहार्यता के आधार पर किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि बजट में सीपीएसई के निजीकरण पर ध्यान दिया जाएगा। इससे सरकार अपने बढ़े हुए खर्च के लिए धन जुटा सकेगी। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीपीएसई की अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 17,957 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पूरे वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। देश में 249 परिचालन वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम हैं जिनका सामूहिक कारोबार 24 लाख करोड़ रुपये और नेटवर्थ 12 लाख करोड़ रुपये है। इनमें से 54 सार्वजनिक उपक्रम शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। बजट पहली फरवरी को पेश किया जाना है। कोरोना संकट की वजह से इस बजट पर पूरी अर्थव्यवस्था की नजर है, सरकार इस बजट के जरिए कोरोना महामारी से बाहर निकलने की अपनी योजना पेश करेगी।

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