नई दिल्ली। भारत में क्रिप्टोकरेंसी बाजार को नियमित करने की चर्चा के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज ये स्पष्ट कर दिया कि बिटकॉइन जैसी कोई भी आभासी मुद्रा कानून वैध (लीगल टेंडर) नहीं है और सरकार इसके उपयोग को हतोत्साहित करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की उपयोगिता पर विचार करेगी।
बजट से पहले ऐसी चर्चा थी कि सरकार अपने बजट में क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करने के लिए एक रोडमैप पेश करेगी। निवेशकों के बीच अपनी मेहनत की कमाई बहुत अधिक उथलपुथल वाले क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेश करने के बढ़ते रुझान ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजाई है। बजट से पहले भी जेटली ने यह कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर नहीं है।
कई बैंकों ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के कई बैंक एकाउंटों पर रोक लगा दी है। जबकि दूसरी ओर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने ऐसे एक्सचेंजों को चलाने में लिप्त कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
यहां ऐसे भी खतरे पैदा हुए है कि कई ऑपरेटर कम समय में बहुत अधिक मुनाफे का लालच दिखाकर देश की जनता का पैसा रातों रात लेकर गायब हो सकते हैं। इस खतरे के प्रति भी सरकार सतर्क हो गई है। इसके अलावा एक खतरा और भी है कि कालाधन रखने वाले लोग क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर अपने अवैध धन को वैध बनाने का काम कर सकते हैं।
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