नई दिल्ली। सरकार ने फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल चलाने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत इन उत्पादों को रेफ्रिजरेटेड डिब्बों में ले जाने की सुविधा होगी। विशेष किसान रेलगाड़ियां सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत चलाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए किसानों के लाभ के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया।
उन्होंने कहा कि जल्द खराब होने वाले सामान के लिए राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण को रेलवे पीपीपी मॉडल में किसान रेल बनाएगी। इससे ऐसे उत्पादों की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिये जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है। जल्द खराब होने वाले फल, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मछली, मांस आदि को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए इस तरह की तापमान नियंत्रित वैन की जरूरत है।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर कृषि उड़ान सेवा शुरू करेगा, पूर्वोत्तर और जनजातिय जिलों में मूल्यवर्द्धन पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा 50 ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने वाले भारतनेट कार्यक्रम के लिए 2020-21 में 6,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। एक लाख ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा।
112 आकांक्षी जिलों में जहां आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल नहीं हैं, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत अस्पताल बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
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