कोलकाता। कृषि क्षेत्र की भंडारगृह कंपनियों ने आगामी बजट में इस तरह की सेवाओं पर लगने वाले 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को समाप्त करने की मांग की है। इन कंपनियों का कहना है कि इससे कृषक समुदाय को प्रोत्साहन मिलेगा।
जापान की भंडारण कंपनी कावासाकी रिकूसो के परिवहन निदेशक पारन दास ने कहा कि केंद्र को कृषि भंडारगृह सेवाओं पर जीएसटी को लेकर नए सिरे से विचार करना चाहिए। मुझे लगता है कि सरकार को इस क्षेत्र से जीएसटी समाप्त करना चाहिए।
दास ने कहा कि इस तरह की छूट से किसान अपनी उपज का भंडारण करने को प्रोत्साहित होंगे और सस्ते दामों पर अपने उत्पाद नहीं बेचेंगे। केआरटी ने राज्य में सौर कृषि भंडार गृह स्थापित किया है जिसका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल के कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है।
सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप सभरवाल ने कहा कि कृषि भंडारण उद्योग लंबे समय से जीएसटी छूट की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के भंडारगृह के पट्टों को वाणिज्यिक माना जाता है और इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। वहीं उत्पादन सेवाओं पर कोई जीएसटी नहीं होता। ऐसे में अंतत: उपभोक्ताओं की लागत बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में संगठित क्षेत्र को कारोबार का नुकसान होता है। उपभोक्ता असंगठित क्षेत्र को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये कई बार जीएसटी नहीं चुकाते हैं।
Latest Business News