Aam Budget 2019-20 Income Tax Slabs highlights: मिडिल क्लास को राहत अमीरों पर बढ़ाया टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स के लिए टर्नओवर की सीमा बढ़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2019-20 में 40 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) और इनकम टैक्स स्लैब को कायम रखने की घोषणा की है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2019-20 में आयकर दाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रत्यक्ष कर में वृद्धि हुई है। 2018-19 में प्रत्यक्ष कर 11.37 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट करों को निरंतर कम करते रहेंगे। वित्त मंत्री ने 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर के लिए सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 400 करोड़ वार्षिक टर्न ओवर करने की घोषणा की। इस फैसले से 99.39 प्रतिशत कंपनियां इस दायरे में आ जाएंगी।
इसका मतलब है कि अब सालना 400 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत की दर से कॉरपोरेट टैक्स देना होगा, पहले सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपए वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत टैक्स देय था।
वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब को स्थिर रखते हुए अमीरों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि 2 से 5 करोड़ रुपए की आय पर 3 प्रतिशत की दर से सरचार्ज लगाने की घोषणा की है। 5 करोड़ रुपए से अधिक आय पर 7 प्रतिशत सरचार्ज लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री द्वारा मिडिल वर्ग के लिए 40 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) और इनकम टैक्स स्लैब को कायम रखा गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे आम नौकरी पेशा लोगों को मामूली राहत ही मिलेगी। यह स्टैंडर्ड डिडक्शन नौकरीपेशा लोगों के कर छूट प्राप्त परिवहन भत्ते और सामान्य चिकित्सा व्यय के एवज में दी गई है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की व्यवस्था निर्धारण वर्ष 2006-07 से बंद कर दी गई थी।
बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, इससे नौकरीपेशा लोगों को सुविधा ही होगी। अभी उन्हें 19,200 रुपए सालाना का कर मुक्त परिवहन भत्ता और 15 हजार रुपए का सामान्य चिकित्सा भत्ता दिया जाता है। यह राशि 34200 रुपए बैठती है। लेकिन इसे क्लेम करने के लिए उन्हें रसीद देनी होती है। यह कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिए एक परेशानी है। अब उन्हें 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा और इसके लिए किसी तरह की रसीद जमा करने की जरूरत भी नहीं होगी। हालांकि वित्त मंत्री ने विभिन्न आयुवर्ग के व्यक्तिगत इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कुल आय 50 लाख से अधिक लेकिन एक करोड़ रुपए से कम है, उनके आयकर पर 10 प्रतिशत अधिभार लगाया जाएगा।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी कुल आय वर्ष के दौरान एक करोड़ रुपए से अधिक है, उनके आयकर पर 15 प्रतिशत की दर से अधिभार लगेगा।
- सभी के लिए आयकर पर तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर अब चार प्रतिशत की दर से स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगाया जाएगा।