जानिए कैसे बना भारत का स्थापित स्पाइस ब्रांड "राजेश मसाला"
1997 में दो लाख के लोन से शुरू हुआ कारोबार, अब 600 करोड़ रुपए का बन चुका है, राजेश मसाला के चेयरमैन " राजेश अग्रहरि" ने सफलता और बुलंदियों को छुआ है
उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा जिला अमेठी जिसका ज़िक्र ज्यादातर राजनीतिक दृष्टिकोण से मानचित्र पर आता है। कई बड़ी राजनीतिक शख्सियतों का नाम अमेठी से जुड़ा है। लेकिन आज एक नाम और भी है जो सारे भारत में अमेठी से फैला है, और वो नाम है "राजेश मसाला"।
राजेश मसाला के चेयरमैन राजेश अग्रहरि की मेहनत और लगन ने प्रधानमंत्री रोज़गार योजना से मिले दो लाख रुपये के लोन से शुरू हुई कंपनी को छह सौ करोड़ तक पहुंचाया। राजेश मसाला के बढ़ते कारोबार की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इसमें कार्यरत मार्केटिंग और उत्पादन से जुड़े कर्मचारी छोटे शहरों, नगरों, गांव और कस्बों से हैं। इसके पीछे राजेश मसाला का उद्देश्य है ऐसे शहरों और नगरों के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना, रोज़गार प्रदान करना और उनकी क्षमता का उपयोग करना ।
राजेश मसाला की एक सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि उत्पादन, पैकिंग, डिस्पैचिंग और मार्केटिंग विभाग के ज़रिये ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है। फैक्ट्रियों में बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं की भागेदारी है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राजेश मसाला भारत का महिला सशक्तिकरण और स्वदेशी अपनाओ के मंत्र को पूरी तरह सार्थक करता है।
"राजेश स्पाईसेस" मसाला उत्पाद में पहले से स्थापित कई कंपनियों को बाज़ार में कड़ी टक्कर दे रहा है। चाट मसाला, गरम मसाला, चिकन मसाला, मीट मसाला, छोले मसाला, पनीर मसाला, स्टफ मसाला, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर जैसे उत्पाद लोगो की पहली पसंद बनते जा रहे है। अब यह ब्रांड उच्च वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों के किचन की पहली पसंद बनता जा रहा है।
बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल राजेश मसाला के ब्रांड प्रचारक है। राजेश मसाला ने सनी देओल की ब्रांड इमेज के साथ उच्च गुणवत्ता वाले राघव भोग गेहूँ चक्की आटा को बाज़ार में उतारा है। बाज़ार में राघव भोग चक्की आटा की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। आधुनिक तकनीक और मशीनों से बना राघव भोग आटा उत्तर प्रदेश में स्थानीय लोगो को रोज़गार और भारत को उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों भी देता है।
राजेश मसाला अपनी उच्च क्षमता वाले आधुनिक मशीनों, गुणी एवं स्वदेशी कामगार महिलाओं और पुरुषों के माध्यम से आप तक पहुंचता है, ममता और स्वाद से भरा, गुणवत्ता की कसौटी पर खरा राजेश मसाला।
राजेश मसाला अपने उत्पाद की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए हमेशा सतर्क रहता है। नकली उत्पाद उपभोक्ताओं तक न पहुंचे इसके लिए राजेश मसाला की टीम बाज़ार पर नज़र बनाये रखती है। हाल ही में ऐसे गिरोह का पुलिस ने भांडाफोड़ किया जो राजेश मसाला का नकली उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुँचा रहा था। बाज़ार में बने रहना ही राजेश मसाला का उद्देश्य नहीं है उपभोक्ताओं की सेहत का ख्याल रखना सर्वोपरी है।
कोरोना काल में राजेश मसाला ने कई सराहनीय कार्य भी किये है। राजेश मसाला ने प्रधानमंत्री एवं उ०प्र० मुख्यमंत्री कोष में कोरोना पीड़ितों की सेवा के लिए करोड़ों रुपये सहयोग राशि के रूप में दिये है। हज़ारों-लाखों ग़रीबों, बेघर और प्रवासी मजदूरों को जीवन से जुड़ी ज़रूरतों की राहत सामग्री उपलब्ध कराई है। राजेश मसाला स्वर्णिंम भारत के सपने को करने में पूरी तरह से तत्पर रहता है। राजेश मसाला सिर्फ व्यापार और उद्योग नहीं बल्कि देश, देश की छवि और तरक्की के प्रति भी एक निजी जिम्मेदारी रखता है।