"राजेश मसाला स्वदेशी मसाला उद्योग की नई इबारत", राजेश अग्रहरि से ख़ास बातचीत
राजेश मसाला के चेयरमैन राजेश अग्रहरि एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते है। इन्होने कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री कोष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोष में एक-एक करोड़ रूपये सहयोग राशि के रूप में जमा किये थे
राजेश मसाला अमेठी, उत्तर प्रदेश से तैयार होकर देश के कोने-कोने में अपने स्वाद की अनोखी खुशबू फैलाता है। सब्ज़ी मसाला, चाट मसाला, मीट मसाला, चिकन मसाला, चना मसाला, छोले मसाला, मछली मसाला, कचौड़ी मसाला, पापड़, रसगुल्ला पाउडर जैसे उत्पाद इसकी पहचान है। इसका श्रेय जाता है राजेश मसाला के चेयरमैन और संस्थापक राजेश अग्रहरि को। जिन्होंने कड़े संघर्ष, लगन और इच्छाशक्ति से राजेश मसाला को देश का स्थापित ब्रांड बना दिया है । बॉलीवुड के चहेते सितारे सनी देओल टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया और अखबारों में राजेश मसाला का विज्ञापन करते नज़र आते है। राजेश मसाला के उत्पादों की गुणवत्ता ही उसकी असली पहचान है। चेयरमैन राजेश अग्रहरि एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते है। इन्होने कोरोना काल में देश के प्रधानमंत्री कोष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोष में एक-एक करोड़ रूपये सहयोग राशि के रूप में जमा किये थे, साथ ही अमेठी को 25 लाख रुपये अलग से दिए थे। हज़ारो गरीबों और प्रवासी मजदूरों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई और आज भी यह कार्य निरंतर जारी है।
राजेश जी कैसा रहा अभी तक आपका सफर?
मेरे पिता जी ने यह कारोबार शुरू किया था मैंने उनका हाथ बटाना शुरू किया। 1997 में इसकी शुरुआत हुई जब नौकरी नहीं लगी तो प्रधानमंत्री रोज़गार योजना के तहत दो लाख का लोन लेकर अपने नाम से राजेश मसाला का कारोबार शुरू किया। आज राजेश मसाला एक ब्रांड के तौर पर जाना जाता है।
व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए आपका गुरु मन्त्र क्या है?
मैंने कभी अधिक पैसा कमाना अपना उदेश्य नहीं रखा । मेरा इरादा साफ़ है लोगों तक बेहतर सेवा और उत्पाद पहुंचाना । इरादा नेक है, ईश्वर और माता पिता के आशीर्वाद ने मुझे राजेश मसाला बना दिया। ज़मीन से जुड़ा आदमी हूं इसलिए तेज़ रफ़्तार पर नहीं कड़ी और सच्ची मेहनत पर विश्वास करता हूं।
भविष्य की क्या योजनाए है?
हमने राघव भोग चक्की आटा बनाने की शुरुआत कर दी है डिस्ट्रीब्यूशन भी शुरू हो चुका है। मैंने लोगो के सेहत को ध्यान में रखकर उच्च मानक वाले गेहूं से बेहतर आटा बनाया है। तकनीक ऐसी है जो गेहूं के पोषक तत्वों को बरकरार रखता है और सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ठीक ऐसा ही मेरे मसाला उत्पादों के साथ भी होता है।
व्यापार में आप किसे अपना कॉम्पटीशन मानते है?
अपने आप को! भाई यदि मेरी इच्छाशक्ति मर गई,,, मेरे अंदर का सेवा भाव मर गया तो समझ लीजिये आपने समझौता कर लिया। यदि आप एक व्यापरी के तौर पर अपना हर दिन अपने ग्राहकों के नाम कर देते है तो आपका ब्रांड बाज़ार में हाथोंहाथ है। इसलिए मेरा कॉम्पटीशन हर नए दिन अपने आप से है।
परिवार का सहयोग कैसा है?
मेरी पत्नी चन्द्रमा देवी, मेरे बेटे और बेटी का पूरा सहयोग है जीवन में, मैं और मेरी पत्नी राजनीति में भी सक्रिय हैं । बेटा व्यापार को आगे बढ़ाने में सहयोग करता है। बिटिया मेरी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुकी है।
अपने ब्रांड राजेश मसाला के बारे में कुछ बताइये?
सब खास ही खास है तभी तो आप मेरा इंटरव्यू ले रहे है। यदि राजेश मसाला में उच्च गुणवत्ता और स्वाद न होता तो मैं राजेश मसाला न होता। मैं अच्छा और स्वादिष्ट खाना खाना चाहता हूं इसलिए वही मैं लोगों को खिलाना चाहता हूं। जो मेरी और मेरे उत्पाद राजेश मसाला की विशेषता है और पहचान भी है।