दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों के पुराने वाहन मालिकों के लिए अच्छी खबर है। अगर उनकी कार या दूसरी गाड़ियां 15 साल पुरानी हो गई है और वह दिल्ली से होकर गुजरेगी तो जब्त नहीं होगी। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि उपायुक्त स्तर (Deputy Commissioner level) का अधिकारी चालक की तरफ से उपलब्ध कराये गये दस्तावेज को लेकर आश्वस्त हो। यह प्रावधान कई अन्य विशेषताओं के साथ परिवहन विभाग द्वारा जब्त किए गए निर्धारित समयसीमा को पूरा कर चुके वाहनों को छोड़ने के लिए दिल्ली सरकार की नीति का हिस्सा है। नीति इस महीने अधिसूचित होने की संभावना है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ऐसे वाहनों से निपटने के लिए एक नीति बनाने को कहा था, जब मालिक यह आश्वासन देने को तैयार हों कि इनका उपयोग राष्ट्रीय राजधानी में नहीं किया जाएगा।
नीति को अंतिम रूप दे दिया गया
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। फाइल परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को भेजी गयी थी। उन्होंने कुछ सुधारों का सुझाव दिया था। परिवहन विभाग जरूरी बदलाव करने के बाद फाइल दोबारा मंत्री के पास भेजेगा। उसके बाद नीति को अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह प्रक्रिया इसी माह पूरी होने की संभावना है।’’ उन्होंने कहा कि विभाग जब्त किए गए वाहनों को छोड़ने के लिए शुल्क लेगा। दोपहिया वाहनों के मामले में 5,000 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाने की योजना है। अधिकारी ने बताया कि इन वाहनों को तो सार्वजनिक स्थान पर पार्क किए जाने या सड़कों पर चलाए जाने के कारण जब्त कर लिया गया था।
दोबारा जब्त होने पर कबाड़ में भेज दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि अगर वाहन को दोबारा से जब्त किया जाता है, उसे कबाड़ के लिए सीधे भेज दिया जाएगा।’’ अधिकारी ने कहा कि पूर्व में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों के दिल्ली से गुजरने पर जब्त कर लिया जाता था। उच्चतम न्यायालय ने 2018 में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन को दिल्ली में चलाने से प्रतिबंधित कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि इसका उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।
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