World EV Day 2023: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का दम, लेकिन इन दो चीजों पर देना होगा जोर
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तजी से बढ़ने के चलते 2023 में 4.23 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का आकार 68% की सीएजीआर से बढ़कर 2030 तक 152 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में बड़ा उछाल आया है। आपको बता दें कि 2023 की पहली छमाही में भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 268% की वृद्धि के साथ 18,000 यूनिट को पार कर गई। फिक्की-यस बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2047 तक भारत में नए वाहनों की कुल बिक्री में 87 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी होगी। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री में उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में विश्व ईवी दिवस (9 सितंबर, 2023) के अवसर पर एक्सपर्ट और ईवी कंपनियों का कहना है कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का दम है। हालांकि, इस लक्ष्य को पाने में दो अहम बाधा ईवी में इस्तेमाल होने वाले बैटरी की उच्च लगात और कमजोर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है। अगर ईवी की दुनिया में परचम लहराना है तो इन दो चीजों पर जोर देना होगा।
Earthtron EV ने फाउंडर, आशीष देसवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तजी से बढ़ने के चलते 2023 में 4.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का आकार 68% की सीएजीआर से बढ़कर 2030 तक 152 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। देश का लक्ष्य 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हासिल करना है। हालांकि, इसके लिए ईवी चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर के तेजी से विस्तार पर जोर देना होगा। ईवी को पर्याप्त गति प्रदान करने के लिए चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, ईवी चार्जिंग उद्योग को लाभ पहुंचाने और टिकाऊ परिवहन में परिवर्तन में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग कनेक्टर के मानकीकरण की दिशा में कदम आवश्यक है।
सरकारी मदद की जरूरत
सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो लिमिटेड (मयूरी ईरिक्शा) के प्रबंध निदेशक नितिन कपूर ने कहा, '40 विभिन्न प्रकार के वाहनों और 4.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार मूल्य के साथ, भारतीय ईवी बाजार, रेडीनेस सूचकांक पर दुनिया में 11वें स्थान पर है। भारी घरेलू मांग वाला बड़ा बाजार भारत में ग्रीन मोबिलिटी के सुनहरे भविष्य का संकेत देता है। इलेक्ट्रिक रिक्शा, जो महानगरों में प्रथम और अंतिम मील कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व हैं और उप-शहरी और ग्रामीण आबादी को किफायती आवागमन प्रदान करते हैं, सरकारी समर्थन से भारत के ईवी उद्योग को और आगे बढ़ाया जा सकता हैं। यह उद्योग सरकार से सब्सिडी, कम कर, सरल फाइनेंसिंग विकल्प, ईवी चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर के विकास और समान इंफ़्रास्ट्रकचर मानकों की स्थापना जैसी अनुकूल पहलों के साथ अधिक सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण चाहता है। ये उपाय भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा संचालित अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने के लिए आवश्यक हैं।
ईवी इंडस्ट्री ने प्रारंभिक चरण पार किया
शेरू के सह-संस्थापक और सीईओ अंकित मित्तल ने कहा, 'भारत में ईवी की बिक्री टिपिंग पोईंट पर है, यह पहला वर्ष है जब ईवी की बिक्री सभी बेचे गए वाहनों की तुलना में 5% के आंकड़े को पार कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है, क्योंकि ब्लूमबर्ग विश्लेषण से पता चला है कि जिन देशों में ईवी के कारण नई कारों की बिक्री 5% से अधिक हो गई है, वहां केवल 4 वर्षों में 25% की बढ़ोतरी देखी गई है।''इस प्रकार भारत का ईवी सेक्टर अपने प्रारंभिक चरण को पार कर चुका है और तेजी से विकास चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं कि क्या हासिल हुआ है, हमें आगे जो होने वाला है उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। यदि हम अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं और इसे अच्छी तरह से निष्पादित करते हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत के मोबिलिटी सेक्टर में परिवर्तन देखा जाएगा। शेरू आगे से ईवी सस्टेनेबिलिटी का नेतृत्व कर रहा है।
ईवी चार्जिंग सिस्टम का प्रभावी प्रबंधन जरूरी
TelioEV के सीईओ, डॉ. ललित सिंह ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग सिस्टम का प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है। जिस तरह एक अच्छी तरह से संचालित ऑर्केस्ट्रा सुंदर संगीत बनाता है, उसी तरह चार्जिंग बुनियादी ढांचे का एक अच्छी तरह से समन्वित नेटवर्क विद्युत गतिशीलता में सामंजस्यपूर्ण को व्यवस्थित करता है। हम उपभोक्ताओं और हितधारकों जैसे चार्जिंग स्टेशन मालिकों आदि के साथ उचित स्तर पर जुड़ सकते हैं और चार्जिंग स्टेशनों को सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बनाकर रेंज संबंधी चिंताओं को दूर कर सकते हैं। हमें एक उज्जवल, इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर निर्देशित करता है क्योंकि भारत स्वच्छ, हरित परिवहन चाहता है।