Mukesh Ambani और Elon Musk क्या आएंगे साथ? दोनों मिलकर EV मार्केट में मचा सकते हैं धूम
भारत में इस साल के आखिर में टेस्ला की कार आ सकती है। टेस्ला ने जर्मनी में अपनी फैसिलिटी में राइट हैंड ड्राइव व्हीकल्स का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। ये कारें इस साल के आखिर में भारत में निर्यात करने के लिए हैं।
दुनिया की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) लंबे समय से भारत में आने की कोशिश कर रही है। अब खबर है कि टेस्ला के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) अपनी कंपनी को भारत में लाने के लिए रिलायंस (Reliance) के साथ डील कर सकते हैं। भारत दुनिया के सबसे बड़े व्हीकल मार्केट में से एक है और टेस्ला इसका फायदा फठाना चाहती है। हिंदू बिजनेसलाइन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि टेस्ला भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ संभावित जॉइंट वेंचर पर चर्चा कर रही है। अखबार को सूत्रों ने बताया कि शुरुआती चरण में एक महीने से अधिक समय से चर्चा चल रही है और इस पहल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑटोमोबाइल सेक्टर में प्रवेश के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। सूत्र ने कहा कि जॉइंट वेंचर में रिलायंस का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षमताओं का विकास करना है।
भारत में अपनी कार लाने को बेताब टेस्ला
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने 9 अप्रैल को कहा था कि टेस्ला के लिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराना स्वाभाविक प्रगति होगी। मस्क का यह बयान भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए टेस्ला द्वारा स्थान की तलाश करने की खबरों के बीच आया था। मस्क ने एक्स पर कहा था, 'भारत अब दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत में हर दूसरे देश की तरह इलेक्ट्रिक कारें होनी चाहिए। यह टेस्ला इलेक्ट्रिक कारें भारत में उपलब्ध कराने के लिए स्वाभाविक प्रगति है।'
2 से 3 अरब डॉलर का होगा निवेश
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्रों ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र और गुजरात ने टेस्ला को इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने के लिए आकर्षक भूमि प्रस्ताव दिये हैं। इसके अलावा तेलंगाना सरकार भी टेस्ला को जमीन देने के लिए चर्चा कर रही है। टेस्ला की प्रस्तावित फैसिलिटी में करीब 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश होगा। इसका लक्ष्य भारत और विदेशों दोनों में टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग को पूरा करना है।
साल के आखिर में भारत आ जाएगी टेस्ला की कार
इस महीने की शुरुआत में रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि कंपनी ने जर्मनी में अपनी फैसिलिटी में राइट हैंड ड्राइव व्हीकल्स का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। ये कारें इस साल के आखिर में भारत में निर्यात करने के लिए हैं, जो दुनिया के तीसरे सबसे बड़े व्हीकल मार्केट में संभावित प्रवेश की दिशा में टेस्ला की प्रगति का संकेत देता है। एजेंसी ने यह भी बताया था कि टेस्ला का एक प्रतिनिधिमंडल घरेलू कार मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हेतु संभावित स्थानों का आकलन करने के लिए अप्रैल के आखिर में भारत का दौरा कर सकता है। भारत सरकार ने इस साल के शुरुआत में एक नई ईवी पॉलिसी की घोषणा की थी। इसमें ईवी के लिए कम आयात शुल्क की पेशकश की गई थी, जिससे टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए भारत आने का रास्ता खुला।