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Driving License: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही सरकार, पूरी जानकारी पढ़ें यहां

ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम 2023 के कारण नया लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया सरकार के नए नियमों के अनुसार है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

Driving License- India TV Paisa Image Source : CANVA Driving License के लिय नए नियम

Driving License: सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सरकार जनवरी महीने से इन नियमों को विकसित कर चुकी है। ड्राइविंग लाइसेंस में इस साल यानी 2023 में दिल्ली और अन्य राज्यों के नियम में होंगे बड़े बदलाव। अगर आपके पास लाइसेंस नहीं है तो अपना लाइसेंस बनवाने के लिए तैयार रहें। ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम 2023 के कारण नया लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया सरकार के नए नियमों के अनुसार है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम 

इस समय भी दिल्ली और अन्य राज्यों में ड्राइविंग टेस्ट मैन्युअल ट्रैक तीरेक से होते हैं, लेकिन अब ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की अरेंजमेंट हो सकती है। आपको बता दें कि मैन्युअल के मुकाबले ऑटोमैटिक ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट पास करना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट में सीसीटीवी कैमरा और सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ऑटोमैटिक ड्राइविंस टेस्ट होने के कई फायदे भी है। आइए आपको उन फायदो के बारे में बताते हैं।

भ्रष्टाचार से छुटकारा 

हममें से अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि दिल्ली में लगभग पांच साल पहले ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक शुरू किया गया था ताकि जो भी व्यक्ति ड्राइविंग टेस्ट के लिए आए उनका टेस्ट फेयर तरीके के हो सके। इसका मुख्य उद्देश्य ये भी है कि क्षेत्रिय परिवहन कार्यालयों(आरटीओ) में भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। ऑटोमैटिक ड्राइविंग लाइसेस टेस्ट का हर एक प्रोसेस ऑनलाइन होता है ऐसे में भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता है। साथ ही टेस्ट के अपॉइंटमेंट भी ऑनलाइन मिलती है।  

सड़क दुर्घटना में कमी होगी

ऑटोमैटिक टेस्टिंग ट्रैक के आने के बाद किसी भी तरह के हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं होगी। अगर किसी व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए होगा तो उसके लिए उसे पूरा एग्जाम सही से पास करना होगा। इससे फायदा ये होगा कि सड़को पर होने वाले हादसे कम होंगे।

मैन्युअल तरीके से होने वाले टेस्ट में, टेस्ट देने वाले व्यक्ति को ये अंदाजा नहीं होता है कि उसने कहां गलती की है, लेकिन ऑटोमेटिक में अगर वो पहली बार में पास नहीं होते हैं तो उन्होंने जो गलतियां की है उसे ऑटोमेटिक ट्रैक में देख सकते हैं। ट्रैक्स पर लगे सेंसर और सीसीटीवी कैमरे की वजह से टेस्ट देने वाले व्यक्ति 24 पैरामीटर्स की जांच करने में सक्षम रहेंगे।

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