अक्सर लोग क्रूज कंट्रोल फीचर के साथ करते हैं ये गलती, लॉन्ग ड्राइव से पहले जान लें ये टिप्स
क्रूज कंट्रोल एक सिस्टम है जिसके चलते आप किसी तय स्पीड पर अपनी बाइक या कार को बिना एक्सलरेट कर चला सकते हैं। यानी अगर आपने क्रूज स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा सेट कर दी है।
Cruise Control: क्रूज कंट्रोल एक ऐसा फीचर है जो बाइक और कार दोनों में आता है और इस फीचर के सदके ड्राइवर या राइडर बहुत कम स्ट्रेस लेकर लंबी से लंबी दूरी तय कर सकता है। पर इसका सही इस्तेमाल ही आपको स्ट्रेस से बचा सकता है वर्ना बहुत से ऐसे राइडर या ड्राइवर भी होते हैं जो क्रूज कंट्रोल की वजह से ज्यादा परेशान होते हैं और इस अच्छे भले फीचर के बावजूद इसका इस्तेमाल करना छोड़ देते हैं।
क्या है क्रूज कंट्रोल-
क्रूज कंट्रोल एक सिस्टम है जिसके चलते आप किसी तय स्पीड पर अपनी बाइक या कार को बिना एक्सलरेट करे चला सकते हैं। यानी अगर आपने क्रूज स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा सेट कर दी है तो अब आपको बाइक में थ्राटल घुमाये रखने की जरूरत नहीं होगी, इसी तरह कार में भी आपको एक्सलरेटर पर पैर बनाये रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कहां होता है सही इस्तेमाल-
क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल सिर्फ लॉन्ग रूट ड्राइविंग पर ही करना चाहिए। वहां भी तब जब आपको पता हो कि आगे 20-25 या 50 किलोमीटर तक नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस है, जहां ट्रैफिक की कोई समस्या नहीं होगी और आप बिना किसी रुकावट के आराम से बाइक या कार चला सकेंगे।
क्या हो अगर क्रूज कंट्रोल के समय सामने कोई वाहन आ जाए-
क्रूज कंट्रोल को एक्टिवेट करना जितना आसान है, उतना ही आसान इसको डिसेबल करना भी है। अगर अचानक आपके सामने कोई गाड़ी आ जाती है या आपको लगता है कि गाड़ी आपके कंट्रोल में नहीं है तो बस आपको एक बार क्लच दबाना है और आपका क्रूज कंट्रोल अपने आप डिसेबल हो जाएगा। अगर आप ब्रेक दबा देते हैं तब भी क्रूज कंट्रोल ऑफ हो जाता है। हालांकि आप इसे फिर उस सेट स्पीड पर पहुंचकर फिर से इनेबल कर सकते हैं।
क्रूज कंट्रोल से कर सकते हैं ड्राइविंग की स्ट्रेस कम
लॉन्ग रूट पर ड्राइव करना कुछ लोगों को थका देता है। लेकिन क्रूज कंट्रोल को सही तरह से इस्तेमाल करने पर आप बिल्कुल रिलेक्स होकर अपनी बाइक या कार चला सकते हैं। बाइक चालक अगर लगातार थ्राटल पर हाथ रखे रहे तो कलाई और उंगलियां दोनों में स्ट्रेस होने लगती है लेकिन क्रूज कंट्रोल इस स्ट्रेस से छुटकारा दिला देता है। वहीं कार सवार अगर एक्सलरेटर पर पैर रखने के प्रेशर में न हो तो लॉन्ग जर्नी सिर्फ स्टेरिंग थपथपाते भी कट जाती है।
वो गाड़ियां जिनमें होता है क्रूज कंट्रोल
बाइक्स की बात करें तो टू व्हीलर में सिर्फ प्रीमियम या सुपर बाइक्स में ही क्रूज कंट्रोल सिस्टम मिलता है। इन बाइक्स की कीमत 3 लाख से 50 लाख तक हो सकती है। वहीं कार के मामले में ये सुविधा ज्यादातर एसयूवी में ही देखने को मिलती है। तो अगर आप लॉन्ग ट्रिप्स के लिए नई बाइक या कार लेने का प्लान बना रहे हैं तो एक बार इस फीचर को चेक करना न भूलें।