Car Long Term Insurance: कारों के लिए लेना चाहते हैं लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स जानिए फायदे और नुकसान
आईआरडीए ने लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के मोटर बीमा की शुरुआत की है। लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स पर अच्छी छूट मिल जाती है। हालांकि आप लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स में बंध जाते हैं। इसके कई फायदे हैं और नुकसान भी है आइए जानते हैं।
भारतीय सड़कों पर चलने वाले हर वाहन के लिए बेसिक थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स अनिवार्य है, जिसके बिना आप पर 5000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की कैद या दोनों हो सकते हैं। एक सर्वे के अनुसार यह पाया गया है कि अधिकांश लोग पहले साल के पूरा होने के बाद अपने बीमा कवर को रिन्यू नहीं करा रहे हैं। इस वजह से सड़कों पर बिना इन्श्योरेन्स वाली गाड़ी चल रही है। इसलिए आईआरडीए ने लॉन्ग टर्म के मोटर बीमा की शुरुआत की है, जहां कारों का 3 साल तक और दोपहिया वाहनों का 5 साल तक का इन्श्योरेन्स प्रीमियम का भुगतान करके किया जा सकता है।
अगर आप भी अपनी गाड़ी का लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स कराना चाहते हैं तो उससे पहले उसके फायदे और नुकसान का पता होना बहुत जरूरी है। आइए जानत हैं लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के बारे में।
फायदे
अगर आप अपनी कार के लिए लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स का ऑप्शन चुनते हैं तो इन्श्योरेन्स कंपनी आपको अच्छी छूट दे सकती है। कई बार लोग याद दिलाने के बाद भी इन्श्योरेन्स रेन्यू करना भूल जाते हैं। लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स लेने के बाद आपको रेन्यू कराने की परेशानी नहीं होगी। यह इन्श्योरेन्स आपकी कार को 3 साल तक कवर दे सकता है यानी 3 साल तक आपको इन्श्योरेन्स कराने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं रहेगी।
ये तो हुई फायदे की बात, लेकिन लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के कुछ नुकसान भी हैं।
नुकसान
इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि आपको इकट्ठा एक बड़ा अमाउन्ट जमा करना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपको एक साल के कार टर्म इन्श्योरेन्स के लिए 6000 रुपये की पेमेंट करनी होती है तो 3 साल के लिए शायद 16000 ही जमा करनी पड़े, पर 6000 के मुकाबले ये अमाउन्ट एक साथ पे करना जरा मुश्किल हो सकता है।
इसका दूसरा नुकसान नो क्लेम बोनस का न मिल पाना है। जब आप एक साल का इन्श्योरेन्स कराते हैं और उस दौरान आपने इन्श्योरेन्स का इस्तेमाल नहीं किया है तो आपको अगले साल रेन्यु करने के लिए पिछले के मुकाबले कम पैसे देने पड़ते हैं क्योंकि आपको क्लेम न करने की वजह से बोनस अमाउन्ट मिलता है जो प्रीमियम के अमाउन्ट से माइनस जाता है। लेकिन जब आप 3 साल का इन्श्योरेन्स एक साथ करवा लेते हैं और आप आखिरी साल में भी इन्श्योरेन्स क्लेम लेते हैं तो पहले दो साल, क्लेम न करने के बावजूद आपको कोई NCB यानी नो क्लेम बोनस नहीं मिलता।
3 साल के लिए बंधन है लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स
अगर आप एक साल का इन्श्योरेन्स लेते हैं और आपको इन्श्योरेन्स कंपनी की पॉलिसी या टर्म्स अच्छी नहीं लगती हैं तो आप नेक्स्ट ईयर दूसरा इन्श्योरर चुन सकते हैं पर 3 साल का इन्श्योरेन्स एक साथ कराने पर आपको इन्श्योरेन्स डुरैशन खत्म होने का इंतजार करना पड़ता है। आप एक या दो साल बाद अपना इन्श्योरेन्स नहीं बदल सकते।