नई दिल्ली। भारत में मर्सिडीज बेंज, ऑडी और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कार कंपनियों के महंगे मॉडलों की मांग बढ़ रही है। इसके चलते आपूर्ति दिक्कतों की वजह से ऐसे मॉडलों के लिए ‘इंतजार की अवधि’ (वेटिंग पीरियड) बढ़ गई है। इन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा, पिछले कुछ माह या मैं कहूंगा कि पिछले साल से सी और डी खंड यानी 70 से 75 लाख रुपये की गाड़ियों की मांग बढ़ी है। इसमें वृद्धि मात्रा वाले खंड से अधिक रही है। ऑडी इलेक्ट्रिक ई-ट्रॉन का उदाहरण देते हुए ढिल्लों ने कहा कि हम इस कार को एक करोड़ रुपये से अधिक दाम में बेच रहे हैं। भारत आने से पहले ही ये कारें पूरी तरह बिक जाती हैं।
इंतजार की अवधि सप्लाई चेन प्रभावित होने से बढ़ी
उन्होंने कहा कि इन कारों की इंतजार की अवधि आपूर्ति अड़चनों की वजह से बढ़ी है। पहले इनके लिए इंतजार की अवधि एक से दो माह होती थी, जो अब बढ़कर चार से छह महीने हो गई है। इसी तरह की राय जताते हुए मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्टिन श्वेंक ने कहा, दुर्भाग्य की बात है कि कुछ कारों को हम ग्राहकों को महीनों बाद आपूर्ति कर पाते हैं। विशेषरूप से जीएलएस और जीएलई (एसयूवी) इसमें आती हैं। इन कारों के साथ सिर्फ आपूर्ति पक्ष की दिक्कत ही नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इनकी मांग भी काफी ऊंची है। ऐसे में हमें प्राथमिकता तय करनी पड़ती है। वर्ष 2022 की पहली तिमाही में कंपनी के पास 4,000 से अधिक इकाइयों का ऑर्डर था। मर्सिडीज बेंज इंडिया ने 2021 में भारत में एक करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 2,000 से अधिक इकाइयों की बिक्री की। इनमें एस-क्लास मेबैक, जीएलएस मेबैक और टॉप-एंड एएमजी शामिल हैं।
उद्योगपति, खिलाड़ी और बॉलीवुड की हस्तियों की पहली पसंद
ढिल्लों ने कहा कि जो लोग ऐसी कारें खरीदने में सक्षम हैं मसलन उद्योगपति, खिलाड़ी और बॉलीवुड की हस्तियां, वे आगे आ रहे हैं और लग्जरी उत्पाद खरीद रहे हैं। बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह ने कहा, एसएवी (स्पोर्ट्स एक्टिविटी व्हीकल) खंड में हमारी स्थिति काफी मजबूत है। इसके एक्स3, एक्स4 और एक्स7 मॉडलों की मांग काफी ऊंची है। इस खंड में हमारी वृद्धि 40 प्रतिशत है। हमारी कुल पोर्टफोलियो में इनका हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है। बीएमडब्ल्यू इंडिया के एसएवी खंड के वाहनों का दाम 61 लाख रुपये से अधिक है। इस खंड की बिक्री पहली तिमाही में 1,345 इकाई रही है, जो करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी की कुल सालाना बिक्री में 30 प्रतिशत हिस्सा एस-क्लास और जीएलएस एसयूवी का है।
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