मुंबई। जर्मनी की कार कंपनी फॉक्सवैगन को इस साल भारतीय बाजार में अपनी पुरानी यानी सेकंड हैंड कारों की बिक्री का कारोबार दोगुना होकर 20,000 इकाइयों तक पहुंचने की उम्मीद है। फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड निदेशक आशीष गुप्ता ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि पुराने वाहनों के प्रति ग्राहकों के बदलते रुझान को देखते हुए कंपनी को अपनी पुरानी कारों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों में ग्राहकों के रुझान में एक बदलाव यह आया है कि अब वे परिवार में एक से अधिक गाड़ियां चाहते हैं। दरअसल परिवार के सदस्यों के आवागमन के लिए अलग-अलग वाहन की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसी स्थिति में जो लोग एक और वाहन लेने की क्षमता रखते हैं उनके अतिरिक्त वाहन खरीदने की संभावना है।’’
गुप्ता ने कहा कि नए खरीदारों का बाजार में आना एक चुनौती है और इसी के साथ आवागमन के लिए निजी वाहन की बढ़ती जरूरत पुरानी कारों की मांग बढ़ाने का काम कर रही है। फॉक्सवैगन ने पुराने वाहनों के बाजार में वर्ष 2012 में प्रवेश किया था। इसके लिए उसने ‘दास वेल्ट ऑटो ब्रांड’ शुरू किया था।
कोविड-19 महामारी की पहली लहर धीमी पड़ने के साथ जून, 2020 में फॉक्सवैगन ने पुरानी कारों की खरीद और बिक्री के लिए एक डिजिटल मंच ‘दास वेल्ट ऑटो 3.0’ की शुरुआत की थी। फॉक्सवैगन ने पिछले साल करीब 10,000 पुरानी कारों की बिक्री की थी। गुप्ता ने कहा कि इस साल यह आंकड़ा 20,000 वाहन रहने की उम्मीद है।
कंपनी ने इस साल की शुरुआत में एक अध्ययन भी किया था जिसमें वर्ष 2025 तक पुरानी कारों का बाजार करीब 40-45 लाख वाहनों तक पहुंचने की संभावना जताई गई थी। यह संख्या नए वाहनों की बिक्री की तुलना में करीब दोगुनी होगी।
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