Toll Tax: कार से लेकर ट्रक तक हर गाड़ी पर लगता है टोल टैक्स, लेकिन बाइक पर मुफ्त की सवारी क्यों?
Toll Tax Rule: भारत में अब नए-नए एक्स्प्रेस वे बनने शुरु हो रहे हैं। इसमें कुछ नियम बदले भी गए हैं। आज की स्टोरी में उसपर भी बात करेंगे।
Bike Toll Tax: रोड ट्रिप करने का अपना अलग मजा होता है। कई लोग कार से तो कुछ बाइक से घूमना पसंद करते हैं। जब व्यक्ति गाड़ी लेकर कहीं दूर घूमने निकलता है तो कई राज्यों के बॉर्डर से होकर गुजरना पड़ता है, जहां उसे टोल टैक्स देना पड़ जाता है। अगर वह बाइक से जाता है तो उसे टोल टैक्स के नाम पर कुछ भी नहीं देना पड़ता है। आप बाइक से पूरा देश घूम लीजिए आपको एक भी रुपया रोड टैक्स के रूप में नहीं देना पड़ेगा, लेकिन कार के साथ इसका बिल्कुल उलट होता है। ऐसे में आपके मन में ये सवाल आता होगा कि जब हाईवे पर गाड़ी, ट्रक, ट्रैक्टर, जीप, ट्राली आदि को टोल टैक्स देना पड़ता है पर बाइक के लिए अलग एक रास्ता बना होता है और बाइकर्स को टोल नहीं देना पड़ता। अब बाइकर्स को टोल क्यों नहीं देना पड़ता? इसको समझने के लिए पहले हम ये जानते हैं कि आखिर टोल टैक्स दिया ही क्यों जाता है?
क्या है टोल टैक्स की वजह?
पुराने समय में जब एक रियासत से दूसरी रियासत में जाओ तो उस रियासत में घुसने पर ‘कर’ यानी टैक्स देना पड़ता था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद जब भारत के सभी राज्य एक देश और संविधान के अधीन हो गए हैं तो हम क्यों टोल टैक्स देते हैं? तो वजह ये है कि हम टोल टैक्स किसी राज्य में एंट्री करने के लिए नहीं बल्कि उस हाईवे पर अपनी गाड़ी चलाने के लिए देते हैं। दरअसल स्टेट या नैशनल हाईवे को बनाने में जो लागत आती है, उस लागत को वहां से गुजरने वाले वाहनों से वसूला जाता है। ये टोल टैक्स भी सीमित समय के लिए ही होता है, अमूमन NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) 10 या 15 साल के लिए ही टोल बूथ लगाते हैं।
फिर बाइक से क्यों नहीं लेते टोल टैक्स?
बाइक या अन्य किसी भी टू व्हीलर से टोल टैक्स न लेने के पीछे मुख्य वजह इनका वजन है। टोल टैक्स सड़क निर्माण कार्य का पैसा वसूलने के साथ-साथ उसकी मेन्टीनेंस का खर्च भी आते-जाते वाहनों से ही लेते हैं। अब जितना भारी वाहन होता है, जैसे ट्रक, बस, ट्रौली या ट्रैक्टर, इनसे उतना ही ज्यादा टोल टैक्स वसूला जाता है। पर बाइक, स्कूटर, साइकिल या अन्य कोई भी टू-व्हीलर इस मामले में बहुत ही हल्के वाहन होते हैं इसलिए इनसे छूट दे दी जाती है।
बाइक-स्कूटर है मध्यम वर्गीय का वाहन
टू व्हीलर से टोल टैक्स न लेने की एक वजह ये भी है कि ये माध्यम वर्ग यानी मिडल क्लास का वाहन है। मिडिल क्लास पर पहले ही इतने खर्चों प्रेशर होता है इसलिए सरकार टोल टैक्स के रूप में एक और बोझ नहीं डालना चाहती है। साथ ही, बाइक बहुत कम ही नेशनल हाईवे पर चलाई जाती है। कुछ बाइक्स होती भी हैं तो बड़ी हद एक या दो टोल गेट्स ही पार करती हैं। हालांकि इस नियम के चलते वो बाइकर्स भी फायदा उठा लेते हैं जो अपनी महंगी सुपर बाइक से लंबी दूरियां तय करते हैं।
लेकिन इस एक्सप्रेस वे पर टू व्हीलर पर भी लगता है टोल
भारत में अब नए-नए एक्स्प्रेस वे बनने शुरु हो रहे हैं। इसी कड़ी का शुरुआती यमुना एक्सप्रेसवे टू व्हीलर्स से भी टोल टैक्स वसूलता है। यहां बाइक या स्कूटर से 1.25 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जा जाता है।