गाड़ी का एक्सीडेंट होने के बाद सबसे पहला काम होता है कि इंश्योरेंस क्लेम लिया जाए, जिससे कि आसानी से आप अपनी गाड़ी को ठीक कर सके। जानकारों का कहना है कि अगर किसी की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया तो उसके क्लेम के लिए 7 के 10 दिनों के अंदर आवदेन कर देना चाहिए। इससे क्लेम प्रोसेस होने में मदद मिलती है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी गाड़ी का इंश्योरेंस क्लेम आसानी से पास हो जाए तो आपको क्लेम दाखिल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इंश्योरेंस कंपनी को एक्सीडेंट की जानकारी दें
कभी भी आपकी गाड़ी में जब भी एक्सीडेंट हो जाए तो इसकी जानकारी सबसे पहले आपको इंश्योरेंस कंपनी को देनी चाहिए। इसके बाद ही गाड़ी को गैराज या फिर डीलर के पास लेकर जाना चाहिए । इसके साथ ही गैराज से फ्रूफ ले लें कि आपने अपनी गाड़ी को गैराज में जमा करा दिया है। साथ ही गाड़ी रिफेयर में आने वाले खर्च का एक अनुमान ले लें और इसे अपनी इंश्योरेंस कंपनी के साथ साझा करें।
क्लेम फॉर्म में बिल की जानकारी दें
एक्सीडेंट के बाद गाड़ी को ठीक कराने में लगे पैसों के बिल की जानकारी क्लेम फॉर्म में भरें। अगर आपके इंश्योरेंस में एक्सीडेंट से लगने वाली चोटों का कवर भी जुड़ा हुआ है तो मेडिकल बिल्स को भी आप क्लेम कर सकते हैं।
फाइनल सेटेलमेंट मिलने पर पूछे सवाल
आपकी ओर से क्लेम की गई राशि और इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिए जाने वाले क्लेम में अंतर होता है। इस वजह से ध्यान रखें कि आपको वो फायदे जरूर मिले जो कि इंश्योरेंस कंपनी ने कवर किए हैं। इंश्योरेंस कंपनी द्वारा रिपेयर के स्टैंडर्ड रेट लगाए जाते हैं। इस वजह से हमेशा आपको क्लेम शीट के हर आइटम को लेकर इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि से सवाल पूछने चाहिए। साथ ही इसका रिकॉर्ड अपने पास रखें।
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