गर्मी ने अब धीरे-धीरे दस्तक देनी शुरू कर दी है। भारत एक ऐसा शहर है जहां गर्मी लगभग 9 महीने तक रहती है, तो जाहिर सी बात है कि गर्मी के मौसम में जब कार पूरे दिन धूप में खड़ी रहती है तो इस वजह से कार गर्म हो जाती है लेकिन अन्य कार की तुलना में सफेद कार अधिक गर्म नहीं होती है।
इससे सफेद रंग की कारों की डिमांड रहती है
सफेद रंग की कारों की अधिक सेल के कई कारण हैं, उनमें से एक यह है कि इसे ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती है। इस पर गंदगी और धूल आसानी से दिख जाती है जिसे साफ करने में अधिक मेहनत नहीं लगती है। वहीं व्हाइट कलर की कार पर स्क्रैच लग जाए तो वो आसानी से दिखाई देता है। इसे आप तुरंत सही कराने के लिए गैरेज लेकर जा सकते हैं।
अन्य रंगो की तुलना में सफेद रंग की कार अधिक गर्म नहीं होती है और गाड़ी के अंदर का टेंप्रेचर बहुत कम रहता है क्योंकि सफेद रंज सूरज की गर्मी को ज्यादा सोख नहीं पाता है। वहीं रात में भी सफेद रंग की कारें साफ साफ नजर आती हैं। इन्हीं वजहों से सफेद रंग की कारों को प्राथमिकता दी जाती है। नई कार खरीदते वक्त लोग इन सभी बातों का खास ख्याल रखते हैं और फिर कार के कलर ऑप्शन को चुनते हैं।
इन रंगों की कारें खूब बिकती हैं
भारतीय बाजार में एक से बढ़कर एक रंग की कारें उपलब्ध हैं। आपको बता दें कि कलर स्कीम में सबसे पसंदीदा रंग नीला है। लगभग 9 परसेंट कारें नीले रंग में आती हैं, और केवल 7 परसेंट कार लाल रंग में मनती हैं। यानी सफेद के बाद भी भारत में इन रंगों की कारों को पसंद किया जाता है। आपको बता दें कि भारत में अन्य रंगों की तुलना में सफेद रंग की कार सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। वहीं, ऑटोमोटिव ओईएम कोटिंग्स के लिए बीएएसएफ की कलर रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में जब भी लोग पहली कार खरीदते हैं तो हर 10 में से 4 लोग सफेद रंग की कार खरीदना पसंद करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 40 परसेंट नई कारें सफेद रंग की होती हैं।
सफेद रंग की कारों की रीसेल वैल्यू भी अधिक होती है
कारों में सफेद रंग को प्राथमिकता दी जाती है, सेकेंड हैंड कार खरीदने वाले लोग भी इस रंग को काफी पसंद करते हैं। इससे आपको अपनी कार की रीसेल वैल्यू ज्यादा मिलती है।
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