केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ को मंजूरी दे दी। दो साल की अवधि के लिए लाई गई यह योजना मार्च, 2024 तक लागू रहे ‘फेम’ कार्यक्रम की जगह लेगी। नौ साल तक चले फेम कार्यक्रम को हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित क्रियान्वयन एवं विनिर्माण के लिए चलाया गया था। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट’ (पीएम ई-ड्राइव) योजना लाने का निर्णय लिया गया। यह योजना 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, 3.16 लाख ई-तिपहिया वाहनों और 14,028 ई-बसों का समर्थन करेगी।
चार्जिंग स्टेशनों को भी समर्थन मुहैया कराया जाएगा
वैष्णव ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 88,500 चार्जिंग स्टेशनों को भी समर्थन मुहैया कराया जाएगा। नई योजना में इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। इस योजना के तहत राज्य परिवहन उपक्रमों और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों की तरफ से 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।
ई-एम्बुलेंस के लिए भी दिया गया फंड
इसके अलावा ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। यह मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए सरकार की एक नई पहल है। वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रकों को अपनाने के लिए भी पीएम ई-ड्राइव योजना में 500 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।
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