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Hindi News पैसा ऑटो फेम-2 स्कीम के तहत सब्सिडी धोखाधड़ी, हीरो इलेक्ट्रिक, बेनलिंग इंडिया और ओकिनावा ऑटोटेक के खिलाफ जांच शुरू

फेम-2 स्कीम के तहत सब्सिडी धोखाधड़ी, हीरो इलेक्ट्रिक, बेनलिंग इंडिया और ओकिनावा ऑटोटेक के खिलाफ जांच शुरू

बयान के अनुसार, एसएफआईओ ने हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और ओकिनावा ऑटोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों की तलाशी ली।

Electric Scooter - India TV Paisa Image Source : FILE इलेक्ट्रिक स्कूटर

FAME-2 स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी को गलत तरीके से लेने को लेकर  हीरो इलेक्ट्रिक, बेनलिंग इंडिया और ओकिनावा ऑटोटेक के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने की सरकारी योजना के तहत धोखाधड़ी से 297 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त करने के आरोप में हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी और ओकिनावा ऑटोटेक इंटरनेशनल के परिसरों की तलाशी ली है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को बयान में कहा, “तलाशी अभियान के दौरान डिजिटल डेटा, किताबें और अन्य सामग्री जैसे साक्ष्य बरामद किए गए हैं। जांच जारी है।”

297 करोड़ की धोखाधड़ी की गई 

ये मामले भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाना और विनिर्माण (फेम)-2 योजना के तहत तीनों कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी से कुल मिलाकर 297 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ उठाने से जुड़ा है। भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 2019 में फेम-2 योजना शुरू की गई थी। चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) दिशा-निर्देशों में, योजना के तहत सब्सिडी के लिए पात्र होने को लेकर वाहन के कुछ प्रमुख कल-पुर्जों का भारत में विनिर्माण निर्धारित किया गया था। बयान के अनुसार, एसएफआईओ ने हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और ओकिनावा ऑटोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों की तलाशी ली। 

गलत तरीके से फायदा उठाया 

बयान में कहा गया, “तीनों कंपनियों ने सब्सिडी का दावा करने के लिए मंत्रालय को लागू दिशा-निर्देशों के अनुपालन को भ्रामक रूप से दिखाया था। इसे बाद में गलत और झूठा पाया गया था।” कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली जांच एजेंसी एसएफआईओ द्वारा जांच करने पर पता चला कि चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम दिशानिर्देशों के तहत कई प्रतिबंधित हिस्से सीधे या परोक्ष रूप से चीन से आयात किए गए थे, जिससे योजना के तहत दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ। 

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