क्या आपने कभी तेज स्पीड से चल रही कार से निकलने वाले धुंए के कलर पर ध्यान दिया है? उसका कलर नीले, काले, ग्रे या सफेद रंग का होता है. सभी कलर का मतलब अलग-अलग होता है. गाड़ी से निकलने वाले धुंए बताते हैं कि आपको अपनी कार सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर पर ले जानी चाहिए या नहीं। गाड़ी से निकलने वाले धुंए के बारे में एक-एक कर समझते हैं।
कार से निकलने वाले सफेद धुंआ
कार से निकलने वाला सफेद धुंआ गाड़ी की सेहत के लिए खराब माना जाता है। यह तब होता है जब आपके गाड़ी को ठंडा रखने के लिए उसमें डाला गया लिक्विड यानी कुलेंट लीक करने लगता है और आपके कार के इंजन को अधिक गर्म होने देता है। इससे गाड़ी जल्द ही हीट हो जाती है। ऐसे में आपको एक बार सर्विस सेंटर में जाकर उसे दिखा लेना चाहिए। कुलेंट का रिसाव कभी भी गाड़ी के लिए ठीक नहीं होता है।
कार से निकलने वाला नीला धुंआ इंजन के लिए खतरनाक
कार में धुएं का रंग तब बदलना शुरु हो जाता है जब गाड़ी या तो पुरानी होने लगती है या फिर उसमें कोई खराबी आने लगती है। नीले धुंए का एक प्रमुख कारण इंजन के तेल का जलना होता है। अगर आसान शब्दों में समझें तो इंजन में किसी खराबी की ओर इशारा करती है. यह तब होता है जब पिस्टन बजता है या वाल्व गाइड सील खराब हो जाती है या टूट जाती है। इससे तुरंत परेशानी नहीं हो सकती है, लेकिन कार के निकास से निकलने वाला नीला धुआं यह बताता है कि इंजन को एक बार सर्विस सेंटर में जरूर ले जाना चाहिए।
ग्रे धुंआ मतलब इंजन का खराब होना
ग्रे धुंआ इंजन में अत्यधिक इंजन ऑयल के जलने का एक साफ संकेत है। इसका एक कारण खराब हुए पॉजिटिव क्रैंककेस वेंटिलेशन (पीसीवी) वाल्व। पीवीसी इंजन के निचले हिस्से से ऊपर के हिस्से तक बिना जले ईंधन को खींचता है। यह इमिशन को कम करने के लिए किया जाता है जब इंजन ठंडा होता है और अनुकूलित तरीके से ईंधन नहीं जलता है।
निकास से काला धुंआ
इंजन के अंदर जिस जगह पर ईंधन जलता है, जब वहां रिसाव शुरू हो जाता है तब धुएं का रंग काला हो जाता है। काला धुंआ ज्यादातर वायु-ईंधन-अनुपात (AFR) में असंतुलन के कारण होता है। घिसे हुए नोजल के कारण फ्यूल इंजेक्टर का रिसाव होने के चलते भी ये समस्या हो सकती है.
Latest Business News