नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को टोयटा की हाइड्रोजन कार मिराई से संसद पहुंचे। इसके बार चर्चा जोरों पर हैं कि भारत में जल्द इलेक्ट्रिक के बाद हाइड्रोजन कार सड़कों पर फर्राटा मारती हुई दिखाई देगी। अगर आपके मन में भी हाइड्रोजन कार को लेकर सवाल उठ रहे होंगे कि कैसी यह दूसरी कार से अलग होगी? किन खूबियों के कारण इसे भविष्य की कार कही जा रही है? तो आइए हम आपको इस कारे के बार में सारी जानकारी आपको दे रहे हैं।
इलेक्ट्रिक कार से कैसे अलग?
आपके मन में पहला सवाल उठ रहा होगा कि अभी तो इलेक्ट्रिक कार लाने पर जोर दिया जा रहा है। फिर यह हाइड्रोजन कार उससे अलग कैसे होगी? बाता दें कि इलेक्ट्रिक कार और हाइड्रोजन कार में बड़ा अंतर है। इलेक्ट्रिक कार में बड़े साइज की लीथियम आयन बैटरी लगी होती है। उससे एनर्जी लेकर कार में लगी मोटर पहियों को पावर देती है। पर हाइड्रोजन गाड़ियों के साथ ऐसा नहीं है। इसमें बैटरी तो होती है लेकिन एकदम छोटी। इसमें हाइड्रोजन फ्यूल टैंक होता है जिसमें हाइड्रोजन फ्यूल सेल विखंडित होकर एनर्जी पैदा करते हैं। इसमें लगी बैटरी उस एनर्जी को कुछ देर स्टोर करके इलेक्ट्रिक मोटर तक पहुंचा देती है। यानी हाइड्रोजन इसमें फ्यूल का काम करती है। इसे चार्ज नहीं करना पड़ता, बल्कि इसमें खास हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन से हाइड्रोजन फ्यूल भरवाया जाता है। इसकी एक खूबी बड़ी अच्छी है।
हाइड्रोजन ईंधन का स्रोत क्या होगा?
पेट्रोल की तरह हाइड्रोजन ईंधन को कोई भंडार नहीं है। इसे नेचुरल गैस या बायोमास या पानी के जरिये विखंडित करके बनाया जाता है। आइसलैंड में हाइड्रोजन उत्पादन के लिए भू-तापीय ऊर्जा या जियोथर्मल एनर्जी का उपयोग किया जा रहा है।
हाइड्रोजन फ्यूल के फायदे?
हाइड्रोजन ईंधन अधिक कारगर इसलिए है, क्योंकि यह केमिकल एनर्जी को सीधे इलेक्ट्रिकल एनर्जी में परिवर्तित किया जाता है। हाइड्रोजन फ्यूल की सेल कारों से पारंपरिक ईंधन वाली कारों की तुलना में उत्सर्जन भी काफी कम और स्वच्छ स्तर का होता है। आम इलेक्ट्रिक कार में बैटरी चार्ज होने में कई घंटे लगते हैं। लेकिन हाइड्रोजन 5 से 7 मिनट में ही भर जाती है। यह काफी अच्छी रेंज भी देती है। एक फुल टैंक हाइड्रोजन फ्यूल से 650 किमी तक का सफर तय किया जा सकता है। इसे पूरी तरह से जीरो एमिशन कार कहा जा सकता है क्योंकि इससे इमिशन में सिर्फ पानी निकलता है।
हाइड्रोजन कारों के लिए चुनौतियां?
हाइड्रोजन फ्यूल प्रदूषण मुक्त है। साथ ही यह एक बार टैंक फुल होने पर 600 किमी की दूरी तय कर सकता है लेकिन इसके साथ ही चुनौतियां कम नहीं है। हाइड्रोजन गैस अत्यंत ज्वलनशील है। ऐसे में जब फ्यूल टैंक में इसे पूरा भरा जाता है तो वाहन चलाने के दौरान हादसा होने का खतरा रहता है। टैंक ब्लास्ट होने पर यह आसपास के 10 मीटर के एरिया को अपने दायरे में लेकर भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इस फ्यूल टैंक काफी मजबूत बनाया जाता है। इससे भी इन वाहनों की कीमत बढ़ जाती है। हाइड्रोजन फ्यूल पेट्रोल और डीजल के मुकाबले महंगा भी है।
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