Mountain Cycles: भारत में एक बार फिर से लोगों के बीच साइकिलिंग का क्रेज बढ़ रहा है। इसका एक कारण ये भी है कि साइकलिंग करने से वजन कम होता है। इन दिनों मार्केट में साइलिक में भी कई मॉडल आ चुके हैं। नॉर्मल रोड के साथ साथ ऑफर-रोड और माउंटेन साइकिल भी आ चुकी है। माउंटेन बाइक या ऑफ-रोड बाइक साइकिल हैं जिन्हें सामान रोड पर चलाने के लिए नहीं बनाई गई है। इनकी बनावट, लुक और फील काफी अलग है। यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है जो पहाड़ की रास्तों पर साथ ही जंगलों में साइकिलिंग करना पसंद करते हैं।
पहिये का आकार
पहिया जितना बड़ा होगा, साइकिल उतनी ही तेज होगी। सबसे आम पहिये का आकार 26 इंच है। यह एक अच्छा पहिया आकार है और बाइक को मुश्किल इलाकों में चलाने में आसान बनाता है लेकिन उबड़-खाबड़ इलाकों पर सवारी करते समय कुछ समस्याएं पैदा करता है। जो लोग स्पीड में साइकिल चलाना चाहते हैं और लंबी दूरी की यात्रा तय करते हैं तो उनके लिए 29 इंच टायर साइज सही है। इस तरह की साइकिल को रेसिंग परपस के लिए बनाया गया है। साइकिल में 24 इंच सबसे छोटी है और अक्सर बच्चों की एमटीबी बाइक में इस्तेमाल की जाती है।
सस्पेंशन
माउंटेन साइकिल में तीन तरह का सस्पेंशन होता हैं- Rigid, hard trail and full suspension. Rigid, जिसका मतलब है कि बाइक के आगे या पीछे के टायरों में कोई सस्पेंशन नहीं है। ऐसी साइकिल कम खर्चिली होती है। हार्डटेल बाइक सस्पेंशन वे बाइक्स होती हैं जिनमें बाइक के पिछले हिस्से या टेल में कोई सस्पेंशन नहीं होता है और यह केवल आगे के पहियों में दिया जाता है। इन साइकिल्स का मेंटेनेस सस्ता होता है। फुल सस्पेंशन बाइक जिनमें आगे और पीछे के पहियों पर सस्पेंशन होता है। फुल सस्पेंशन वाली बाइक चलाने में आसान होती हैं और हर तरह के झटकों को रोक लेती हैं।
पहाड़ी पगडंडियों के लिए, एक हार्डटेल या Rigid सस्पेंशन बाइक बेहतर फिट होती है। खड़ी चढ़ाई के साथ चट्टानी इलाकों के लिए, फुल सस्पेंशन बाइक बेहतर काम करती हैं।
गियर्स और ब्रेक
माउंटेन बाइक अलग अलग टाइप के गियर ऑप्शन के साथ आती हैं। माउंटेन बाइक में आमतौर पर हाइड्रोलिक डिस्क ब्रेक या केबल- एक्टिवेटेड डिस्क ब्रेक होते हैं। हाइड्रोलिक डिस्क ब्रेक एक मजबूत ब्रेकिंग एक्शन प्रदान करते हैं। जबकि, केबल-एक्टिवेटेड डिस्क ब्रेक हाइड्रोलिक ब्रेक जितने मजबूत नहीं होते हैं।
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