Maruti: आरबीआई के रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाने के बाद से सभी बैंको ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, जिससे लगभग इंडस्ट्री पर असर देखा जा रहा है। हालांकि मारुति (Maruti) ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाने से कोई असर उसके सेल पर नहीं पड़ने की जानकारी दी है। उसने कहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फिलहाल वाहनों की मांग पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन असली स्थिति तब स्पष्ट होंगी, जब सेमीकंडक्टर की कमी का मुद्दा हल हो जाएगा और उत्पादन सामान्य हो जाएगा।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रैंड विटारा और ब्रेजा जैसे नए उत्पादों की पेशकश के साथ बुकिंग में वृद्धि हुई है और कंपनी के पेंडिंग ऑर्डर पिछली तिमाही में 2.8 लाख से बढ़कर लगभग 3.87 लाख इकाई हो गए हैं।
कार के मांग में कोई असर नहीं
उनसे जब सवाल पूछा गया कि क्या ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कारों की मांग पर असर पड़ा है? उन्होनें जवाब देते हुए कहा, ''सैद्धांतिक रूप से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का नकारात्मक प्रभाव होना चाहिए, लेकिन फिलहाल हम ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं।'' भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। मई के बाद से यह लगातार तीसरी वृद्धि थी। इसके साथ ही ब्याज दर महामारी से पहले के स्तर पर आ गई है।
कोरोना के चलते उत्पादन हुआ प्रभावित
श्रीवास्तव ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का मांग पर असर नहीं होने की एक वजह यह है कि महामारी और सेमीकंडक्टर की कमी के चलते आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान हुआ। इस कारण उत्पादन प्रभावित हुआ और मांग को पूरा नहीं किया जा सका था। उन्होंने कहा, ''एक बार जब आपके पास भरपूर उत्पादन हो जाएगा तो मांग के वास्तविक रुझानों का पता चलेगा।
सेमीकंडक्टर आपूर्ति में हुआ सुधार
उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ बाधाएं हैं, जो कंपनी को अपनी पूरी उत्पादन क्षमता से काम करने से रोक रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि यह बताना कठिन है कि यह कब तक सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा, ''चिप की सटीक उपलब्धता के बारे में हमारे पास कोई पक्की जानकारी नहीं है।'' इस साल मई-जुलाई में कंपनी ने अपनी कुल क्षमता का 95 प्रतिशत उत्पादन किया, जो पिछले साल सितंबर में सबसे कम 40 प्रतिशत था।
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