श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को नियोक्ताओं के साथ मिलकर अभियान चलाने और कर्मचारियों के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने 21 नवंबर, 2024 को एक विज्ञप्ति में कहा कि पहले चरण में, नियोक्ताओं को चालू वित्त वर्ष में शामिल होने वाले अपने सभी कर्मचारियों के लिए आधार-आधारित ओटीपी के माध्यम से यूएएन एक्टिवेशन की प्रक्रिया 30 नवंबर 2024 तक पूरी करनी होगी, जिसकी शुरुआत हाल ही में शामिल हुए कर्मचारियों से होगी। इसके बाद उन्हें अपने साथ काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ऐसे में क्या प्रत्येक नौकरी बदलने के बाद यूएन एक्टिवेट करना जरूरी होगा? आइए जानते हैं इसका जवाब।
नौकरी बदलने पर यूएएन एक्टिवेट करने की जरूरत नहीं
ईपीएफओ के सोशल मीडिया पोस्ट एक्स (पूर्व में ट्विटर) के अनुसार, कर्मचारियों को अपना पुराना रोजगार छोड़ते समय नया यूएएन बनाने की जरूरत नहीं है। एक सदस्य के पास एक से अधिक यूएएन नहीं हो सकते। बेरोजगारी या रोजगार में बदलाव के किसी भी मामले में नया यूएएन बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।" दो आवंटित यूएएन के मामले में, कर्मचारी को ईपीएफओ पोर्टल पर एक सदस्य एक ईपीएफ खाता सुविधा के माध्यम से पिछले यूएएन से जुड़ी सभी पिछली सेवाओं को वर्तमान यूएएन में स्थानांतरित करना चाहिए। यानी नौकरी बदलने के बाद यूएएन एक्टिवेट करने की जरूरत नहीं है।
यूएएन क्या है?
यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) एक अद्वितीय 12 अंकों की संख्या है जो किसी सदस्य को आवंटित की जाती है। यह एक स्थायी संख्या है और यह सदस्य के जीवन भर वैध रहती है। यह रोजगार बदलने के साथ नहीं बदलती है। यूएएन नंबर, यूएएन फंड के स्वचालित हस्तांतरण और पीएफ निकासी में मदद करता है।
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