भारत इस साल में चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार बन सकता है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च की ओर से कहा गया कि मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, छोटी दूरी के लिए दोपहिया ग्राहकों की पहली पसंद और शेयर मोबिलिटी स्पेस में दोपहिया वाहनों की बढ़ती मांग के कारण भारत, चीन को पछाड़कर 2024 में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। 2023 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर एक प्रतिशत से भी कम का इजाफा हुआ था। हालांकि, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 2024 में बिकने वाले दोपहिया वाहनों में 25 प्रतिशत से अधिक इलेक्ट्रिक होने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की जबरदस्त मांग
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि टॉप 10 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में तीन (ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस मोटर्स और एथर एनर्जी) भारत से हैं, जो दिखाता है कि भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। ओला और एथर ग्रीनफील्ड 'ईवी-फर्स्ट' दो पहिया वाहन कंपनी है जो कि टीवीएस, बजाज और हीरो को टक्कर दे रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि दोपहिया प्रीमियम सेगमेंट में हार्ले डेविडसन, एनफील्ड, यामाहा और अन्य के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अल्ट्रावायलेट, रिवोल्ट मोटर्स, एनर्जिका मोटर, डेमन और एआरसी जैसी कंपनियां बाजार में उतर रही हैं।
दोपहिया वाहनों में दिखेगा बड़ा बदलाव
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वैश्विक स्तर पर दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक की हिस्सेदारी 2030 तक 44 प्रतिशत की होगी। इसके साथ ही 2030 तक दोपहिया वाहनों में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। काउंटरप्वाइंट रिसर्च के उपाध्यक्ष और पार्टनर नील शाह का कहना है कि कार मार्केट की तरह दोपहिया वाहन मार्केट में भा आने वाले समय में बदलाव दिखाई देगा। इसमें इलेक्ट्रिफिकेशन की अहम भूमिका होगी। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के चलन में आने वाले समय में तेजी से इजाफा होगा।
इनपुट: आईएएनएस
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