iPhone: पहले हम आईफोन खरीदने के लिये विदेश पर ही निर्भर रहते थे, लेकिन अब वह दौर धीरे-धीरे पीछे चला गया है। वहीं अब भारत में बन रहे आईफोन देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी धूम मचा रहे हैं। दूसरी ओर भारत ने इस वर्ष रिकॉर्ड एप्पल फोन को एक्सपोर्ट किया है, वहीं भारत ने अब चीन की बादशाहत खत्म सी कर दी है।
चीन से बाहर निकल रही कंपनियां, ये हैं कारण
बता दें कि वर्ष 2017 में एप्पल ने आईफोन एसई के निर्माण के साथ भारत में आईफोन निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था, जहां सन 2022 तक यहां आईफोन के पुराने मॉडल के फोन ही बनते थे। इसके बाद सितम्बर 2022 में आईफोन ने आईफोन-14 को भारत में असेम्बल करना शुरू किया, जिसके बाद इसके बढ़ने की संभावनाओं को बल मिला है। वहीं इन दिनों चीन के हालात काफी खराब चल रहें हैं, ऐसे में वहां से कंपनियों ने अपना सब कुछ समेटना शुरू कर दिया है, जिसका फायदा भारत को मिलता दिखाई दे रहा है।
भारत आगे कर सकता है दुनिया के हर दो में से एक आईफोन का उत्पादन
वहीं रिपोर्ट अनुसार अगर यही क्रम जारी रहा तो वर्ष 2027 तक दुनिया में मौजूद हर दो में से एक आईफोन भारत में ही बना होगा। साल 2023 में आईफोन के उत्पादन का 25 % प्रतिशत और साल 2025 तक 40 % प्रतिशत का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसके बाद भारत चीन को कड़ी टक्कर देने के साथ-साथ मीलों पीछे भी छोड़ सकता है।
चीन की बादशाहत हो रही खत्म
दूसरी ओर चीन में हालातों के चलते एपल के मैनुफैक्चरिंग हब के खोने का खतरा बढ़ा है, ऐसे में Apple इन्हें शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है, जहां वह वियतनाम का रुख भी कर सकते हैं। इसके पहले चीन 47 % प्रतिशत Apple के उत्पादों को बनाया करता था, लेकिन यह आकंड़ा धीरे-धीरे गिरा है जहां साल 2020 में यह 41 % प्रतिशत और साल 2021 में 36 % प्रतिशत की भागीदारी पर जा पहुंचा था। वहीं एप्पल फोन के साथ- साथ सैमसंग और अन्य ब्रांड भी धीरे-धीरे चीन से मुंह मोड़ रहे हैं, ऐसे में चीन की बादशाहत अब खत्म होते दिखाई दे रही है।
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