अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) के चेयरमैन आर सी भार्गव ने हाइब्रिड वाहनों के पंजीकरण शुल्क में पूरी तरह छूट देने का उत्तर प्रदेश सरकार का फैसला इस तथ्य की स्वीकृति है कि कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात में कटौती के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों की जरूरत है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड वाहनों पर पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है।
3.5 लाख तक सस्ती हो जाएंगी हाइब्रिड कारें
इस फैसले की वजह से हाइब्रिड मॉडल की कीमतों में 3.5 लाख रुपये तक की कमी आने का अनुमान है। इस संबंध में संपर्क किए जाने पर मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम अन्य राज्यों को भी ऐसे प्रस्तावों पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार किसी राज्य सरकार ने इस तथ्य को महसूस करने के साथ उसपर कदम उठाया है कि कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात में कमी के लिए कई प्रौद्योगिकी जरूरी हैं।’’
मारुति के शेयर में तेजी
भार्गव ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक कारें ही एकमात्र विकल्प नहीं हैं, हाइब्रिड कारों जैसी अन्य प्रभावी प्रौद्योगिकी भी मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले की खबर आने से मारुति सुजुकी के शेयरों में काफी तेजी देखी गई। बीएसई पर कंपनी का शेयर 6.6 प्रतिशत उछलकर 12,820.20 रुपये पर बंद हुआ।
क्या होता है हाइब्रिड व्हीकल
हाइब्रिड वाहन में एक पेट्रोल इंजन के साथ एक या अधिक इलेक्ट्रिक मोटर भी लगी होती है। इस तरह हाइब्रिड वाहन कार्बन उत्सर्जन में कटौती के साथ अधिक ‘माइलेज’ देने में भी सक्षम होते हैं। मारुति सुजुकी मजबूत हाइब्रिड प्रणाली वाले इनविक्टो और ग्रैंड विटारा मॉडल के कुछ संस्करणों की बिक्री करती है। फिलहाल देश में हाइब्रिड वाहनों पर कुल 43 प्रतिशत कर लगता है जिसमें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भी शामिल है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग पांच प्रतिशत कर लगता है।
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