आज 31 दिसंबर है, साल का आखिरी दिन। नए साल की शरुआत से पहले भारत सरकार ने देशवासियों को एक अच्छी खबर दी है। कुछ खाद्य उत्पादों के दाम घटने से औद्योगिकी श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई घटकर नवंबर में 5.41 प्रतिशत पर आ गई है जबकि अक्टूबर में यह 6.08 प्रतिशत रही थी।
मंत्रालय ने दी जानकारी
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबद्ध श्रम ब्यूरो ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, नवंबर 2021 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई 4.84 प्रतिशत रही थी। पिछले महीने खाद्य महंगाई 4.30 प्रतिशत रही जबकि अक्टूबर में यह 6.52 प्रतिशत और नवंबर 2021 में 3.40 प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2022 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 132.5 अंक पर स्थिर बना रहा। बता दें, यह सूचकांक 88 केंद्रों से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है।
थोक महंगाई में भी गिरावट
खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई ने भी सरकार को थोड़ी राहत दी है। नवंबर में थोक महंगाई 6 प्रतिशत से भी नीचे आ गई और 5.85 फीसदी दर्ज की गई। यह बीते 21 महीनों का सबसे कम स्तर है। इस साल यूक्रेन युद्ध के बाद अप्रैल और मई में महंगाई ने रिकॉर्ड स्तर हासिल किया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी थोक महंगाई के आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट, ईंधन और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी आने से थोक कीमतों में कमी आई है।
बीते साल से 8 % कम
नवंबर 2021 में थोक महंगाई यानि डब्ल्यूपीआई 14.87 फीसदी थी थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई 19 महीने तक दहाई अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा, ‘‘नवंबर 2022 में महंगाई की दर में कमी आने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, कपड़ा, रसायन एवं रासायनिक उत्पाद, कागज एवं इससे बने उत्पादों के दामों में गिरावट आना है।’’
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